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विधान परिषद व कर्नाटक चुनाव के बाद योगी मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव संभव, कुछ मंत्री हो सकते हैं पैदल

लखनऊ: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लखनऊ दौरे में प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल के पुनर्गठन के लिए हरी झंडी दे दी है. माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल के पुनर्गठन का काम एक महीने में पूरा हो जाएगा. यह पुनर्गठन यूपी विधान परिषद चुनाव और कर्नाटक में होने जा रहे विधान सभा चुनाव के बाद हो जाएगा. माना जा रहा है कि पुनर्गठन के दौरान एक दर्जन मौजूदा मंत्रियों को हटाया जाएगा.

प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल के पुनर्गठन के दौरान एक दर्जन मंत्रियों के विभागों को बदला भी जा सकता है. साथ ही छुट्टी किये जाने वाले मंत्रियों की जगह यूपी से राष्ट्रीय संगठन में स्थान पाने वाले और संगठन के पदाधिकारियों को शामिल किया जा सकता है. संगठन से आने वालों को मंत्रिमंडल में बनाए रखने के लिए उन्हें विधान परिषद की सीटों पर चुनाव भी लड़ाया जा सकता है. विधान परिषद की 13 सीटों के लिए 26 अप्रैल को होने वाले चुनाव में बीजेपी के 11 प्रत्याशियों का विधान परिषद में पहुंचना तय माना जा रहा है.

बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष आमित शाह लाये थे मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड

बता दें कि पिछले महीने ही प्रदेश नेतृत्व ने संकेत दिए थे कि सरकार के एक साल पूरे होने के बाद ही मंत्रिमंडल के पुनर्गठन पर चर्चा हो सकती है. क्योंकि तब मंत्रियों के कामकाज का एक साल का लेखाजोखा सामने होगा. हालांकि गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद जनता का भरोसा कायम रखने के लिए सरकार पुनर्गठन में ज्यादा देरी करने के मूड में नहीं है. प्रदेश के दौरे पर आये बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने मौजूदा कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों का एक साल के कामकाज का लेखाजोखा रखा गया था. बताया गया है कि अमित शाह अपनी तरफ से भी कुछ  मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड लाये थे.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंची कुछ मंत्रियों के भ्रष्टाचार की शिकायत

पार्टी के सूत्रों की माने तो मौजूदा समय में कुछ मंत्री ऐसे हैं, जिनके कामकाज की कम और उनके विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के चर्चे आम लोगों की जुबां पर हैं. ऐसे मंत्रियों की वजह से पुरानी सरकारों के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़कर सत्ता पाने वाली बीजेपी सरकार की छवि पर भी प्रभाव पड़ा है. कुछ मंत्रियों के भ्रष्टाचार की शिकायत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी हो चुकी है. इसके चलते आने वाले समय में कुछ मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.

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