विधानसभा चुनाव: उप्र में चुनाव लड़ने को लेकर बैकफुट पर अकाली दल
शिरोमणि अकाली दल ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने से एेन वक्त पर कदम पीछे खींच लिये। पार्टी ने पहले उत्तर प्रदेश में 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया था।
चंडीगढ़। पिछले साल उत्तर प्रदेश की 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा करने वाले अकाली दल बादल ने ऐन मौके पर कदम पीछे खींच लिए हैं। पंजाब चुनाव में व्यस्तता के चलते पार्टी ने उत्तर प्रदेश में आगे न बढऩे का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि मई, 2016 में अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने उत्तर प्रदेश में 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया था। इसके लिए उन्होंने राज्यसभा सदस्यों सुखदेव सिंह ढींडसा व बलविंदर सिंह भूंदड़ और लोकसभा सदस्य प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा पर आधारित कमेटी भी गठित की थी। इस कमेटी को सिखों के आधार वाली सीटों की पहचान करने को कहा गया था।
कमेटी ने तीन बैठकें भी इस बारे में की थी। तब यह तय हुआ था कि कानपुर, सहारनपुर, मेरठ, बरेली, बिलासपुर, लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद व झांसी आदि जिलों में अकाली दल अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। इसके लिए बाकायदा इन जिलों में सिखों-पंजाबियों की आबादी को आधार बनाकर रिपोर्ट बनाई गई थी। तब चर्चा थी कि पार्टी सहयोगी भाजपा से 40 सीटों की मांग करेगी ताकि उन पर अपने प्रत्याशी उतार सके। लेकिन, पंजाब के चुनाव ने अकाली दल को उत्तर प्रदेश में कदम बढ़ाने से रोक दिया है।
” पंजाब में चुनावी व्यस्तता के कारण अकाली दल ने उत्तर प्रदेश चुनाव न लड़ने का निर्णय किया है। दरअसल सभी नेता पंजाब में व्यस्त थे, ऐसे में उप्र उम्मीदवारों के चयन, घोषणापत्र और प्रचार आदि के लिए समय नहीं था। हम चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पूरी गंभीरता के साथ।