विधानसभा चुनाव में लागू होेगा कैशलेस सिस्टम, चुनाव आयोग का निर्णय

चुनाव आयोग ने एक एप ‘सुगम’ भी जारी किया है। इस एप पर चुनाव ड्यूटी के लिए अधिग्रहण किये जाने वाले वाहनों को पूरा डाटा फीड करना होगा।
चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में आने वाले वाहनों का खर्च ‘सुगम’ कर दिया है। चुनाव खत्म होते ही वाहन स्वामियों के बैंक खातों में ऑनलाइन किराये का भुगतान कर दिया जाएगा। ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब कैशलेस सिस्टम को चुनाव आयोग ने लागू करने का निर्णय लिया है।परिवहन विभाग के अधिकारियों के गौतमबुद्ध नगर में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर 1600 वाहनों की मांग की गई है। इसमें 700 भारी वाहन और 900 सवारी गाड़ियों की संख्या शामिल है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने एक एप ‘सुगम’ भी जारी किया है। इस एप पर चुनाव ड्यूटी के लिए अधिग्रहण किये जाने वाले वाहनों को पूरा डाटा फीड करना होगा। अधिग्रहण के तुरंत बाद वाहन का नंबर, स्वामी का नाम, उसका मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट नंबर, आईएफएससी कोड फीड कर जानकारी उपलब्ध करानी होगी।
इसके बाद जिन वाहनों को ड्यूटी पर भेजा जाएगा, उन्हें आने जाने के डीजल व पेट्रोल की पर्ची थमा दी जाएगी। उनका किलोमीटर नोट कर रिकार्ड अपने पास रख लिया जाएगा। चुनाव संपन्न होने के बाद उनके किलोमीटर को चेक कर उनका रिपोर्ट फिर से ‘सुगम’ एप पर फीड कर दी जाएगी। यह रिपोर्ट जाते ही चुनाव आयोग की ओर से वाहनों के खर्च का भुगतान ऑन लाइन पेमेंट के जरिए वाहन स्वामी की ओर से उपलब्ध कराए गये बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
पहले भुगतान की यह थी व्यवस्था
परिवहन अधिकारियों के मुताबिक पहले चुनाव ड्यूटी में लगे वाहनों को के लिए लॉग बुक बनती थी। चुनाव संपन्न होने के बाद इस लॉग बुक के जरिए वाहन खर्च का आंकलन किया जाता था। उसके बाद रिपोर्ट तैयार चुनाव आयोग के पास भेजी जाती थी। फिर चेक या ड्रॉफ्ट के जरिए भुगतान किया जाता था। इसमें दो से छह माह तक का समय वाहन स्वामी को भुगतान में लग जाता था।
किस वाहन का कितना किराया वाहन किराया
इनोवा या एसयूवी 1100 रुपया
इंडिका या अन्य कार 350 रुपया
बस 1200 रुपया
मिनी बस 900 रुपया