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विधायकों ने CM हाउस के बाहर गुजारी रात

punjab-congress-protest-outside-cm-badal-house_1476438051चिट्टे का रावण जलाने को लेकर अकालियों से हुई झड़प के बाद पुलिस की एकतरफा कार्रवाई से नाराज कांग्रेस विधायकों ने सीएम हाउस के बाहर रात गुजारी। देखिए सवेरे के नजारे।

लुधियाना में चिट्टा रावण (नशे का रावण) को लेकर कांग्रेस और अकाली दल के बीच विवाद वीरवार को हाईप्रोफाइल बन गया। कांग्रेस नेताओं पर मामला दर्ज किए जाने के विरोध में लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू व विधायक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई में करीब सात विधायक मुख्यमंत्री बादल की सरकारी कोठी के बाहर धरने पर बैठे हैं। सभी ने वहीं पर रात गुजारी।

वीरवार दोपहर 12 बजे से यह धरना जारी है। 20 मिनट बाद मुख्यमंत्री ने बाहर आकर सांसद व विधायकों से बातचीत की तो कांग्रेसियों ने शर्त रखी कि लुधियाना के पुलिस कमिश्नर जितेंदर सिंह औलख का तबादला किया जाए और ड्यूटी में कोताही बरतने वाले एसपी जसविंदर सिंह को सस्पेंड किया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने डीजीपी सुरेश अरोड़ा को फोन पर आदेश दिए कि वह लुधियाना जाएं और तीन दिन में जांच रिपोर्ट दें। साथ ही दोषी अधिकारी के विरुद्ध तुरंत कार्रवाई की जाए।

इस पर भी कांग्रेसी एसपी को सस्पेंड करने पर अड़ गए तो मुख्यमंत्री ने फिर डीजीपी को फोन किया कि कोई भी अफसर हो, जिसने भी ड्यूटी में कोताही बरती है उसके विरुद्ध तुरंत कार्रवाई करें। इस पर भी कांग्रसी नहीं माने और धरने पर डटे रहे। देर शाम मुख्यमंत्री बादल ने कांग्रेस नेताओं से कहा कि एसपी को छुट्टी पर भेज दिया गया है और अब वे अपना धरना खत्म कर दें, लेकिन कांग्रेसी नेता एसपी को सस्पेंड करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे रहे।

धरने पर बैठे कांग्रेसी विधायकों का कहना था कि वे दशहरा उत्सव की तैयारी कर रहे थे, तभी अकालियों ने उन पर हमला बोल दिया। वहां मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही। बाद में कांग्रेसियों पर ही हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया गया। जिनमें घायल जिला प्रधान गुरप्रीत गोगी भी शामिल हैं। बुधवार को पुलिस ने यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव परमिंदर लापरा को गिरफ्तार कर लिया। अकालियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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