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विपक्ष की गोलबंदी, नायडू-ममता और केजरीवाल-स्टालिन मिले

विपक्षी दलों की एकजुटता के लिये सोमवार को प्रस्तावित विपक्ष के नेताओं की बैठक से पहले विभिन्न दलों के नेता एक-दूसरे से मिल रहे हैं। इसी क्रम में द्रमुक नेता एम के स्टालिन ने आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। वहीं इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चंद्रबाबू नायडू से भी मुलाकात की।

विपक्ष की गोलबंदी, नायडू-ममता और केजरीवाल-स्टालिन मिले

आप के सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री के आवास पर हुई बैठक में द्रमुक नेता ने केजरीवाल के साथ विपक्ष के नेताओं की बैठक के बारे में चर्चा की। समझा जाता है कि लगभग बीस मिनट की मुलाकात के दौरान स्टालिन ने क्षेत्रीय दलों की कांग्रेस के साथ तल्खी को मिटाने की जरूरत पर बल दिया।

उन्होंने देश के व्यापक हित में विपक्ष की एकता को जरूरी बताते हुए कहा कि कांग्रेस और आप सहित अन्य क्षेत्रीय दलों को मामूली मतभेद भूल कर एकजुट होना चाहिये। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि केजरीवाल विपक्षी दलों के नेताओं की सोमवार को दोपहर बाद होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे। इससे पहले वह तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात करेंगे।

राहुल सोनिया भी रहेंगे मौजूद

लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहे जा रहे पांच राज्यों के चुनावों के संभावित परिणाम से भाजपा विरोधी विपक्षी दलों में उत्साह भर गया है। इन दलों ने अब फाइनल यानी लोकसभा चुनाव-2019 में भगवा पार्टी को पटकनी देने के लिए एकजुटता बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए टीडीपी अध्यक्ष व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के बुलावे पर सोमवार को शीर्ष विपक्षी नेता यहां मिलकर भाजपा विरोधी मोर्चे के गठन पर चर्चा करेंगे।

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों की घोषणा मंगलवार को होनी है और उसके कुछ दिन बाद संसद का शीत सत्र शुरू हो रहा है। इस लिहाज से भी इस बैठक की अहमियत खासी बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक, संसद एनेक्सी में हो रही बैठक का मुख्य एजेंडा भाजपा विरोधी मोर्चा गठित करने के लिए भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों को तय करना रहेगा। बैठक में चुनाव से पहले और विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय हितों के टकराव को देखते हुए चुनाव के बाद, दोनों तरह के गठबंधन की संभावना पर नजर डाली जाएगी।

बैठक के दौरान विपक्षी दल विभिन्न सरकारी बिलों, राफेल सौदे और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर अपनी पर भी चर्चा कर सकते हैं। सूत्रों कहा कि बैठक में गैर भाजपाई दलों के अध्यक्षों के साथ ही केरल, पंजाब, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री भी आमंत्रित किए गए हैं। हालांकि इससे पहले भी 22 नवंबर को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन तब इसे पांच राज्यों के चुनाव को देखते हुए टाल दिया गया था।

राहुल-सोनिया रहेंगे मौजूद
सूत्रों ने संभावना जताई है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इस बैठक में हिस्सेदारी कर सकते हैं। ऐसे में यह भी संभावना है कि बैठक के दौरान आगामी शीत सत्र के दौरान संसद में विपक्ष की संयुक्त रणनीति भी तय की जाएगी।

इनके पहुंचने की है संभावना
राक्रांपा के प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी, नेशनल कांफ्रेस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी, द्रमुक के अध्यक्ष एमके स्टालिन, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, राजद नेता तेजस्वी यादव, लोजद नेता शरद यादव के बैठक में पहुंचने की पुष्टि हो चुकी है। बीजद अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बैठक से दूरी बनाई है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि वह लोकसभा चुनावों के बाद गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं।

अखिलेश यादव पहुंचेंगे, मायावती रह सकती हैं दूर

बसपा सुप्रीमो मायावती के इस बैठक में भाग लेने की संभावना नहीं है, लेकिन सूत्रों ने उनके करीबी बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र के आने का दावा किया है। लोकसभा चुनावों के लिहाज से सबसे अहम माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के दूसरे मुख्य विपक्षी दल सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के भी बैठक में भाग लेने की संभावना है, लेकिन यदि वह किसी कारण नहीं पहुंच पाए तो उनके ताऊ व पार्टी में दूसरे नंबर के नेता राम गोपाल यादव उनका प्रतिनिधित्व करेंगे।

पहले पीएम उम्मीदवार का नाम बताए विपक्ष : भाजपा
भाजपा ने अपने खिलाफ मोर्चाबंदी के लिए सोमवार को आपस में मिल रहे विपक्षी दलों का मजाक उड़ाया है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने रविवार को यहां कहा, यह देखना सुखद है कि विपक्षी दल हमसे लड़ने के लिए गठबंधन बनाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पहले उन्हें अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए। इसके बाद ही उन्हें हमारे खिलाफ लड़ने और हमें हटाने का सपना देखना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, हमारे पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है, उनका पीएम उम्मीदवार कौन है?

वहीं टीएमसी छोड़कर भाजपा में आए वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय ने कहा, ‘ममता बनर्जी को बताना चाहिए कि विपक्ष की जिस बैठक में वे भाग लेने जा रही हैं, उसमें मौजूद माकपा और कांग्रेस बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के विपक्षी हैं या साथी हैं। 1988 में टीएमसी के गठन के समय ममता और उनके पार्टी कार्यकर्ता कहा करते थे कि कांग्रेस और माकपा उनके राजनीतिक शत्रु हैं। अपने 20 साल के इतिहास में टीएमसी लगातार माकपा को अपना नंबर-1 शत्रु बताती रही है, तो अब उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि ये दोनों उनके दोस्त बन गए हैं।’

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