विप्रो कर्मचारियों के खातों में सेंध, कंपनी कर रही जांच
आईटी सेक्टर की कंपनी विप्रो ने मंगलवार को कहा कि उसके कुछ कर्मचारियों के खाते एक फिशिंग अभियान की चपेट में आ गए थे. विप्रो के मुताबिक मामले की जांच में मदद के लिए कंपनी एक स्वतंत्र फॉरेंसिक टीम की सेवाएं भी ले रही है.
विप्रो ने ईमेल के जरिए बयान जारी कर कहा है, ‘फिशिंग अभियान के कारण हमारे कुछ कर्मचारियों के खातों में संभावित तौर पर असामान्य गतिविधियां दिखीं. ‘ बयान में आगे कहा गया है कि घटना की सूचना मिलने के साथ ही विप्रो ने जांच शुरू कर दी. साइबर सिक्योरिटी ब्लॉग कर्ब्स ऑन सिक्योरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक विप्रो की प्रणाली में सेंध लगाई गई है और उसका इस्तेमाल उसके कुछ क्लाइंट के खिलाफ साइबर हमले के लिए किया जा रहा है.
इस बीच विप्रो ने तिमाही नतीजों की भी घोषणा कर दी है. बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में विप्रो का शुद्ध लाभ 38.4 फीसदी उछलकर 2,493.9 करोड़ रुपये रहा जबकि इनकम 8.9 फीसदी बढ़कर 15,006.3 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. वहीं विप्रो का पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में शुद्ध लाभ 12.6 फीसदी बढ़कर 9,017.9 करोड़ रुपये पर आ गया है जबकि इनकम 7.5 फीसदी बढ़कर 58,584 करोड़ रुपये रही.
इसके अलावा विप्रो के निदेशक मंडल ने 10,500 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक योजना को मंजूरी दी है. विप्रो की ओर से 325 रुपये प्रति शेयर की दर से 32.3 करोड़ शेयर की बायबैक की जाएगी. बता दें कि कंपनी जब अपने ही शेयर निवेशकों से खरीदती है तो इसे बायबैक कहते हैं. इस प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन शेयरों का वजूद खत्म हो जाता है.