टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने पिछले कुछ सालों में कई रिकॉर्ड्स तोड़े हैं। 30 वर्षीय बल्लेबाज ने तेजी से इतिहास की किताबों को दोबारा लिखा है। अगर टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच गुरुवार से शुरू होने वाले चौथे व अंतिम टेस्ट में विराट सेना कमाल करती है तो कोहली नए साल में रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा देंगे।
कोहली के पास सिडनी में इतिहास रचने का सुनहरा मौका है। टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में कभी टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। अगर भारतीय टीम सिडनी टेस्ट जीतने या फिर ड्रॉ कराने में कामयाब होती है तो कोहली का नाम इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। वह पहले भारतीय कप्तान होंगे, जिनके नेतृत्व में भारत ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतेगा। टीम इंडिया मौजूदा सीरीज में 2-1 की बढ़त पर है।
इसके अलावा कोहली के पास विदेश में सबसे ज्यादा टेस्ट जीतने वाले भारतीय कप्तान बनने का मौका भी होगा। कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया ने विदेश में 11 जीत दर्ज की हैं। विदेश में सबसे ज्यादा टेस्ट जीत दर्ज करने के मामले में वह पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की बराबरी पर पहुंच गए हैं। अगर टीम इंडिया सिडनी टेस्ट जीतने में कामयाब होती है तो कोहली पूर्व कप्तान को पीछे छोड़ देंगे।
यही नहीं, सिडनी टेस्ट जीतने पर कोहली ऑस्ट्रेलिया में एक सीरीज में दो से अधिक टेस्ट जीतने वाले एशिया के पहले कप्तान बन जाएंगे। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी, पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मुश्ताक मोहम्मद और उपमहाद्वीप के दो और कप्तानों ने ऑस्ट्रेलिया में एक सीरीज में दो टेस्ट जीते हैं। कोहली के पास इस मामले में नंबर-1 बनने का शानदार मौका है।
विराट कोहली के पास मंसूर अली खान पटौदी का रिकॉर्ड तोड़ने का भी शानदार मौका होगा। विराट भारत के एकमात्र कप्तान होंगे, जो विदेश में दो सीरीज में तीन टेस्ट जीतने में कामयाब होंगे। कोहली के नेतृत्व में इससे पहले टीम इंडिया ने 2017 में श्रीलंका को उसके घर में 3-0 से मात दी थी। पटौदी ने एक बार यह कमाल किया है जब उनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने 1976-77 में न्यूजीलैंड को 3-1 से मात दी थी।
हालांकि, सिडनी का इतिहास टीम इंडिया के लिए फलदायी साबित नहीं हुआ है। टीम इंडिया ने ऐतिहासिक मैदान पर 11 टेस्ट खेले हैं, जिसमें से उसे सिर्फ एक में जीत हासिल हुई है। टीम इंडिया ने एकमात्र जीत 1978 में दर्ज की थी।