पटना : जदयू विधानमंडल दल ने बुधवार की देर रात जनता परिवार में जदयू के विलय पर अपनी मुहर लगा दी। दल के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को विलय को तार्किक अंजाम तक पहुंचाने की कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया। आगे की औपचारिकताएं ये दोनों नेता पूरी करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार की रात जदयू, राजद, कांग्रेस और सीपीआई विधायकों की बैठक बुलाई थी। इन विधायकों के लिए सीएम ने भोज भी दिया। भोजनोपरांत जदयू विधानमंडल दल की बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने विधानमंडल दल को जनता परिवार में विलय को लेकर अबतक की हुई गतिविधियों की जानकारी दी। इसके बाद सरकार के वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जदयू के जनता परिवार में विलय का प्रस्ताव रखा। जदयू विधानमंडल दल के नेताओं ने दोनों हाथ उठाकर और तालियां बजाकर इस प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन किया। बैठक रात ग्यारह बजे समाप्त हुई। 7 सर्कुलर रोड पर रात साढ़े ग्यारह बजे प्रेस कांफ्रेंस कर विजय चौधरी और श्रवण कुमार ने जदयू विधानमंडल दल के निर्णय की जानकारी दी। श्री चौधरी ने कहा कि बैठक में जदयू के विधायक, विधान पार्षद, लोक सभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल हुए।
विधानमंडल दल ने विलय में अपने नेता व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका की सराहना की। साथ ही अनुरोध भी किया कि विलय की औपचारिकताएं जल्द पूरी की जाएं, क्योंकि विधानसभा चुनाव नजदीक है। नेताओं ने कहा कि विलय समय की मांग है। माहौल दूषित करने में लगी भाजपा की साजिशों को बेनकाब करने और बिहार समेत पूरे देश में विभाजनकारी राजनीति को समाप्त करने के लिए विलय जरूरी है। श्री चौधरी ने पूछे जाने पर कहा कि मांझी खेमे के दस विधायक बैठक में नहीं आए। शेष एक-दो को छोड़कर सभी मौजूद थे। जो नहीं आए उन्होंने पहले से सूचित कर दिया था।