नई दिल्ली: ये सच है की मौत बहाने से आती है और उन बहानों में सबसे आम बहाना होता है बीमारी। हम सभी को जीवन एक बार मिलता है, जिसे हम बेहतर और लम्बा बनाने के लिए हर मुमकिन कोशिश किया करते हैं पर जीवन और मौत के दरम्यान बीमारी की तलवार हमेशा लटकती रहती है। इसलिए हम हमेशा बिमारियों से रूबरू होकर उनसे बचने या जीत हासिल करने की फ़िराक में रहते हैं जिससे अपनी उम्र और स्थिति में इजाफा कर लेते हैं। लेकिन इस बात पर गौर करना होगा कि कुछ बीमारियों से जूझ कर भी हम जीने की उम्मीद नहीं खोते पर कुछ बीमारियाँ ऐसी भी हैं जो हमें मारें उसके पहले ही हम दिमागी तौर पर दिन ब दिन मरने लगते हैं। और आज हम जानेंगे ऐसी ही एक भयावह बीमारी एड्स के बारे में।
AIDS एक बेहद खतरनाक और जानलेवा बीमारी के रूप में जाना जाता है। यह बीमारी अगर किसी इंसान को हो जाये तो उसकी म्रत्यु निश्चित हो जाती है। केवल भारत को लिया जाए तो सालाना तकरीबन 80,000 से ज्यादा लोगो की म्रत्यु AIDS के वजह से होती है। इसलिए इससे बचना है तो यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि एड्स क्या है और होता कैसे है ?
क्या है एड्स…
एड्स यानि कि उपार्जित प्रतिरक्षा नाशक रोग समूह, जिसका अर्थ है कि एड्स मनुष्य जाति मेंस्वाभाविक रूप से शुरू नहीं हुआ बल्कि मनुष्य जाति के अपने ही कुछ कर्मों के कारण उपार्जित हुआ। यह एक संक्रामक रोग है जो कि एच.आई.वी. (ह्यूमनइम्यूनो डेफिशियेन्सी वायरस) नाम के विषाणु के संक्रमण की वजह से होता है। जब यह विषाणु शरीर में प्रवेश कर जाता है तो ब्लड में पहुंच कर वाइट ब्लड सेल्स मेंमिलकर उसके DNA में पहुंच जाता है जहां वह विभाजित होता है और रक्त के सफेद कणों पर आक्रमण करता है। धीरे-धीरे यह सफेद कणों की संख्या बहुत कम करदेता है। उसी कमी या समाप्ति के साथ शरीर की रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को समाप्त करता है।
यह विषाणुशरीर में प्रवेश करने के बाद समाप्त नहीं होता। और इसी स्थिति को एड्स कहा जाता है।
- शोधकर्ताओं के अनुसार AIDS दो वायरस के कारण होता है, HIV1 और HIV2।
- HIV1 वायरस दुनिया भर में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला वायरस है और HIV2 वायरस ज्यादातर वेस्ट अफ्रीका में पाया जाता है।
- यह दोनों वायरस रेट्रोवायरस नामक प्रजाति के हैं जो अपना DNA इंसान के DNA से मिला देते है, और जिंदगी भर उस इंसान के DNA के साथ रहते हैं।
- वैज्ञानिकों का कहना है कि मानव शरीर मे पाया जाने वाला वायरस मनुष्यों में बंदरों की प्रजातियों से आया है क्योंकि बंदरों में पाए जाने वाले HIV वायरस और मानव शरीर मे पाए जाने वाले HIV वायरस में काफी समान्यताएँ है।
- 1930 से 1940 के बीच पहली बार इंसानों में यह वायरस मिला। जो माना जाता है कि बंदर का मास खाने वाले कुछ अफ्रीकी आदिवासियों में पाया गया था और पूरी दुनिया में फैल गया।
- भारत देश AIDS के मरीजों की संख्या के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है।
यह जानना जरूरी है की HIV छूने से नहीं फैलता। यह केवल शरीर के अंदर मौजूद तरल पदार्थ जैसे थूक, खून, और सेक्स के द्वारा निकलने वाला सेमेन से फैलता है। क्योंकि HIV वायरस शरीर के बाहर जीवित नहीं रह सकता तो।
HIV के संक्रमण के कारण
1. वजाइनल, ऐनल और ओरल सेक्स…
एचआईवी/एड्स से ग्रसित व्यक्ति के साथ असुरक्षित सेक्स करने से इसके वायरस आपके शरीर मे आ जाते हैं। यह वायरस किसी के शरीर मे चुम्बन द्वारा भी आ सकता है पर इसकी संभावना कम होती है क्योंकि थूक में HIV का वायरस कमज़ोर होता है। और चुंबन करते समय कम से कम 1-2 लीटर थूक एक्सचेंज हो एक दूसरे का तभी संभव है ठुक द्वारा HIV/AIDS होना।
2. माँ द्वारा…
यदि जन्म देते समय माँ में HIV वायरस मौजूद है तो वह वायरस बच्चे के अंदर आ सकता है। यदि जन्म देने के बाद किसी कारण से माँ के अंदर HIV का वायरस आ जाता है तो यह बच्चे में स्तनपान के द्वारा भी आ सकता है। सही समय पर सही कदम लेने से यह रोका जा सकता है। सही कदम नहीं उठाने के कारण तकरीबन 30% बच्चे जन्म से ही HIV/AIDS से संक्रमित होते हैं।
3. इंजेक्शन…
किसी HIV/AIDS के मरीज़ के शरीर मे इस्तेमाल की गई सुई को किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर मे इस्तेमाल करने से HIV/AIDS फैल सकता है।
4. शल्य चिकित्सा शास्त्र…
शल्य चिकित्सा शास्त्र यानी सर्गिकल इंस्ट्रूमेंट्स जो सर्जरी करने के लिए इस्तेमाल की जाती है अगर HIV AIDS के मरीज़ के शरीर पर इस्तेमाल की गई हो और उसे बिना अच्छे से साफ किये दूसरे के शरीर मे इस्तेमाल किया जाए तो HIV AIDS फैल सकता है।
5. संक्रमित रक्त…
HIV/AIDS एड्स से ग्रसित व्यक्ति का खून बिना जाँच किए किसी को चढ़ा दिया जाए तो उससे भी HIV/AIDS हो सकता है।
6. म्यूकस मेम्ब्रेन…
म्यूकस मेम्ब्रेन जो शरीर के आन्तरिक अंगों को घेरे रहती है और सभी कैविटीज की सबसे ऊपरी परत होती है यदि उसमें HIV/AIDS का संक्रमित रक्त लग जाता है तो उस व्यक्ति को HIV/AIDS हो सकता है। जैसे कि यदि किसी को चोट लगी हो और उस चोट पर किसी व्यक्ति का खून लग जाए जिसे HIV /AIDS हो तो उस खून में मौजूद HIV वायरस उस चोट लगे हुए हिस्से से दूसरे व्यक्ति के शरीर मे प्रवेश कर जाता है।
बताये गए कारणों से HIV /AIDS फैलता जरूर है पर जरूरी नहीं है कि इन वजहों से किसी का खून यकीनन संक्रमित ही हो जाए। यह इसपर भी निर्भर करता है कि HIV वायरस कितना मजबूत है। यदि कमज़ोर HIV वायरस किसी के शरीर मे किसी भी तरीके से चला जाए तो संभव है कि उस व्यक्ति को HIV/AIDS न हो।
बदकिस्मती से दुनिया मे HIV को लेके कई गलतफैमियाँ है इस कारण यह भी जानना जरूरी हो जाता है कि HIV AIDS किन कारणों से नही फैलता।
- कीड़े मकोड़ो के काटने से
- किसी HIV AIDS के मरीज के मूत्र और पसीने से
- शौचालय या स्विमिंग पूल कोन से करने से
- HIV AIDS के मरीज का टॉवल या कपड़ा इस्तेमाल करने से
- HIV AIDS के मरीज़ों को छूने से या साथ काम करने से
- HIV AIDS के मरीज के साथ एक थाली में खाने
- HIV AIDS के मरीज का किसी के सामने छींकने से या खाँसने से भी HIV AIDS नही फैलता।
एचआईवी पॉजीटिव होने के कुछ प्रमुख लक्षण
- लगातार वजन का घटना
- लगातार दस्त होना
- लगातार बुखार होना
- टीबी की बीमारी होना
- शरीर पर खाज, खुजली, त्वचा में संक्रमण होना
- हरपीज की बीमारी होना
- मुंह में छाले, जीभ पर फफूंदी आना
- गले में गांठ बनना
- गुर्दों तथा हृदय का संक्रमण
- दिमाग का संक्रमण
- श्वांस की बीमारी एवं निमोनिया