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विस की अनूठी पहल, उमर के प्रस्ताव पर मुफ्ती ने म‌िलाए सुर

 दस्तक टाइम्स/ एजेंसी. शुक्रवार को जम्मू कश्मीर विधानसभा ने अनूठी पहल की। बीफ पार्टी के आयोजक निर्दलीय विधायक रशीद से सदन के भीतर हुई हाथापाई jammu-assambly-561282ae92609_exlstकी घटना के बाद कट्टरवाद के खिलाफ शांति, आपसी भाईचारा तथा सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया।

विधानसभा में विपक्ष के नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के प्रस्ताव का मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने न केवल समर्थन किया, बल्कि इस प्रस्ताव के लिए उमर की तारीफ भी की। साथ ही स्पीकर के कहने पर पूरे सदन ने हाथ उठाकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया।

शून्यकाल में उमर ने कहा कि वीरवार की घटना की न केवल पूरे मुल्क में बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। यह जम्मू-कश्मीर का असली चेहरा नहीं है। कश्मीर वह जगह है जहां देश के विभाजन के बाद 1947 में भड़के दंगे के बाद भी महात्मा गांधी को आशा की किरण दिखी थी।

यहां से हिंदू-मुस्लिम-सिख-इसाई सब भाई-भाई का नारा गूंजा था। एक सोची समझी साजिश के तहत रियासत का माहौल बिगाड़ा जा रहा है। कहा कि रियासत में भाईचारा बढ़े, इसलिए इस आशय का बिल सदन से पास होना चाहिए। इसमें अतिवादी विचारधारा (कट्टरवाद) को कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए।

 

मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने उमर का समर्थन करते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि विपक्ष के नेता ने रियासत के इतिहास के पन्नों को दोहराया है। बात 1947 की ही नहीं बल्कि उसके पहले भी यहां भाईचारे की मिसाल थी। मिली जुली तहजीब कई बार उजागर हुई है। हिंदुस्तान की धर्मनिरपेक्षता को यहां से सीख मिली है।

फिर वह समय आ गया है। यहां से बिल पास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को आर्थिक शक्ति के रूप में विकसित करना चाहते हैं। इसमें उन्होंने किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया है। इसलिए गंगा-जमुनी तहजीब बनी रहनी चाहिए।

इकट्ठे तथा मिल जुलकर रहने का संदेश जाना चाहिए। स्पीकर कवींद्र गुप्ता ने सदन की इस मसले पर राय जानी। उन्होंने सदस्यों से प्रस्ताव के पक्ष में हाथ उठाने को कहा तो पूरे सदन ने हाथ उठाकर समर्थन किया। जब प्रस्ताव पारित हुआ उस दौरान डिप्टी सीएम डॉ. निर्मल सिंह सदन में मौजूद नहीं थे।

वे विधान परिषद में अपने विभागों से जुड़े सवालों के जवाब देने गए हुए थे। ज्ञात हो कि वीरवार को उन्होंने सदन में पहले घटना के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया था। पर बाद में कहा था कि उन सदस्यों की ओर से वे गलती महसूस करते हैं।

 

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