वीरभद्र के आवासों पर सीबीआई के छापे
दस्तक टाइम्स/एजेंसी
शिमला/नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रर्वतन निदेशालय ने शनिवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आवासों पर छापा मारा। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी शनिवार सुबह जाखू की पहाड़ी पर स्थित वीरभद्र के निजी आवास होली लॉज पंहुचे। अधिकारी जिन वाहनों से पहुंचे उनकी पंजीकरण संख्या चंडीगढ़ और पंजाब की थी। नई दिल्ली में सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में 11 स्थानों पर छापे मारे गए।’’ अधिकारी ने कहा कि वीरभद्र और उनके परिवार के खिलाफ कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति जमा करने के संबंध में प्राथमिक जांच को भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत एक नियमित मामले में परिवर्तित कर दिया गया है। दिल्ली के अलावा, ऊपरी शिमला में मुख्यमंत्री के मूल निवास स्थलों, रामपुर और सहारनपुर में स्थित आवासों पर भी छापे मारे गए। इत्तेफाक से छापेमारी की घटना शिमला में मुख्यमंत्री की बेटी की शादी के दौरान हुई। वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के सदस्य उस समय घर में मौजूद नहीं थे, जब अधिकारियों की टीम वहां पहुंची। सीबाआई ने वीरभद्र सिंह के केंद्रीय इस्पात मंत्री रहते हुए उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों की प्रारंभिक जांच 18 जून को शुरू की थी।
वीरभद्र सिंह ने हालांकि आरोपों का खंडन किया है। अधिकारिक सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि सीबीआई ने प्रारंभिक जांच आयकर विभाग के आदेश पर फिर से शुरू की है, जिसमें कहा गया है कि उनकी ओर से भरे गए संशोधित आय विवरणी में कृषि आय में आ>र्यजनक ढंग से वृद्धि दिखाई गई है। कहा जा रहा है कि ऐसा 6.1 करोड़ से अधिक की बीमा पॉलिसियों की खरीद को न्यायसंगत ठहराने की कोशिश के तहत किया गया हो सकता है।
मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दायर करने पर चिंता जाहिर करते हुए पूरे मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को आशंका जाहिर की कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार राज्य की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करना चाहती है।
मुख्यमंत्री सिंह को झूठे आरोपों में फंसाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए 11 सदस्यीय मंत्रिमंडल ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें लगता है कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को अस्थिर करने का कुचक्र रच रही है।’’
विद्या स्टोक्स, कौल सिंह और जी.एस.बाली समेत सभी मंत्रियों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ झूठे एफआईआर दर्ज कराके जनता को गुमराह करने की पूरी कोशिश कर रही है, जबकि अपने नेताओं के व्यवहार पर उन्होंने चुप्पी साध रखी है। भाजपा नेता और स्थानीय विधायक सुरेश भारद्वाज ने नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। वीरभद्र सिंह के अलावा उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, दो बार पूर्व सांसद रह चुके उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह और पुत्री अपराजिता कुमारी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में शामिल किया गया है। केंद्रीय मंत्री के कार्यकाल के दौरान वीरभद्र सिंह ने बीमा एजेंट आनंद चौहान के जरिए 6.1 करोड़ रुपये की बीमा पॉलिसियां ली थीं। शिमला में उनके घर पर भी छापा मारा गया है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि विरोधी राजनेताओं को नुकसान पहंचाने के लिए सरकार सीबीआई का सहारा ले रही है। आजाद ने सवाल उठाते हुए दिल्ली में पत्रकारों से कहा, ‘‘यह प्रजातंत्र है या आपातकाल? राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों से संबंधित घोटालों की सीबीआई जांच क्यों नहीं हो रही? प्रधानमंत्री महज पांच करोड़ की छोटी रकम के आय विवाद में वीरभद्र सिंह को जेल भेजने को आतुर क्यों हैं?’’ आजाद ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार के जाने के दिनों की गिनती शुरू हो गई है, जैसा कि 1977 में हुआ था, जब जनता सरकार ने इंदिरा गांधी पर निशाना साधा था।’’