वैज्ञानिकों का दावा- अस्थमा और थायराइड जैसी 12 बीमारियों को दूर करता है गंगाजल…
पतित पावनी गंगा का भारतीय संस्कृति में अहम स्थान है। इसके जल में खास गुण होते हैं, तभी तो सनातन धर्मी इसे देव नदी (देवताओं की नदी) कहकर भी पुकारते हैं। माना जाता है कि गंगा का जन्म भगवान विष्णु के चरणों से हुआ है और ये भगवान शिव की जटाओं में वास करती हैं।
गंगा जल में बैक्टिरियोफेज पाए जाते हैं जो इसे सड़न से बचाते हैं। ऐसे में इनके संरक्षण की जरूरत है। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘राष्ट्रीय पर्यावरण इंजिनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट (NEERI) ने औषधीय गुणों का पता लगाने वाली स्टडी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है। अधिकारी के अनुसार ‘गंगा नदी में औषधीय गुण हैं जिसके कारण इसे ‘ब्रह्म द्रव्य’ कहा जाता है। यह गुण गंगा को दूसरी नदियों से अलग करता है। यह कोई पौराणिक मान्यता का विषय नहीं है, बल्कि इसका वैज्ञानिक आधार है। गंगा जल पीने से अस्थमा मधुमेह, थाइराइड जैसी गंभीर बीमारियां भी ठीक होती हैं। इसके लिए आपको नियमित रूप से गंगाजल का सेवन करना होगा।
गंगा जल की चमत्कारी शक्तियों को आजमाएं, आपके जीवन में होंगे Miracles : गंगा स्नान, पूजन और दर्शन मात्र से पापों का नाश होता है। ज्योतिष के जानकार कहते हैं की हर रोज गंगा जल पीने से व्यक्ति निरोग रहते हुए लंबी उम्र भोगता है। ये सालों तक खराब नहीं होता। अत: इसे घर में लंबे समय तक सहज कर रखा जा सकता है। शास्त्र कहते हैं, गंगाजल को हमेशा घर पर रखने से सुख और संपदा बनी रहती है।
पारिवारिक सदस्यों में क्लेश रहता है तो प्रतिदिन सुबह सारे घर में गंगा जल का छिड़काव करें। इस उपाय से घर की नकारात्मकता का नाश होता है और सकारात्मकता का माहौल बनता है। वास्तु दोष का प्रभाव भी खत्म हो जाता है। लक्ष्मी नारायण की कृपा पाने के लिए दक्षिणवर्ती शंख में गंगा जल भरकर श्री विष्णु का अभिषेक करें। सोमवार को शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाएं। जीवन से सभी विकार नष्ट हो जाएंगे। डरावने सपने आते हैं तो रात को सोने से पूर्व बिस्तर पर गंगा जल का छिड़काव करें।