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वैश्विक संकेतों से तय होगी शेयर बाजार की चाल

share rateनई दिल्ली। शेयर बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि इराक और यूक्रेन के भूराजनीतिक तनावों के बीच किसी घरेलू उत्प्रेरक के अभाव में शेयर बाजार की दिशा वैश्विक संकेतों से निर्धारित होगी। इसके अलावा विदेशी निवेशकों द्वारा निवेश के रुख, डॉलर के मुकाबले रुपये में उतार चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों का बाजार की दिशा पर असर होगा। बोनान्जा पोर्टफोलियो के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश गोयल ने कहा, किसी मजबूत उत्प्रेरक के अभाव में निफ्टी में सीमित दायरे में कारोबार हो सकता है और उंचे स्तर पर अनिर्णय की स्थिति देखने को मिल सकती है। आने वाले सत्रों में निकट अवधि के लिए 7,750 अंक का स्तर पर महत्वपूर्ण निर्णायक स्तर होगा और इस स्तर से उपर अधिक लिवाली देखने को मिल सकती है। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को बाजार बंद थे लेकिन निवेशकों की निगाह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण पर थी ताकि वे भाषण से उनके आर्थिक सुधार योजना के बारे में संकेत ले सकें। वेरासिटी ब्रोकिंग सर्विसेज के शोध प्रमुख जिग्नेश चौधरी ने कहा कि उनके (नरेन्द्र मोदी) भाषण से स्पष्ट था कि सरकार व्यवसाय के अनुकूल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अपने भाषण में अपने आर्थिक एजेंडा का अनावरण करते हुए वैश्विक उद्योगों को भारत को अपना विनिर्माण केन्द्र बनाने के लिए आमंत्रित किया जबकि गरीब परिवारों के लिए एक वित्तीय समावेशी योजना की शुरुआत की। बाजार सूत्रों ने कहा कि आने वाले सप्ताह में निवेशक वैश्विक घटनाक्रमों पर निगाह बनाये रखेंगे। पिछले सप्ताह भूराजनीतिक तनाव घटने से बाजार में लिवाली तेज हो गई। यूक्रेन और पश्चिम एशिया में स्थितियों के स्थिर होने की उम्मीद तथा बुधवार को इस्राइल और हमास के बीच और पांच दिनों के लिए तात्कालिक युद्धविराम संबंधी एक समझौता होने से घरेलू बाजार की धारणा मजबूत हुई। बंबई शेयर बाजार का सूचकांक पिछले सप्ताहांत तीन सप्ताह के उच्च स्तर 26,103.23 अंक पर बंद हुआ जो 774.09 अंक अथवा 3.06 प्रतिशत की तेजी को दर्शाता है।

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