नई दिल्ली : व्यवस्था पर बोझ बन चुके लोगों को खोजने के लिए सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1,100 से अधिक अधिकारियों के सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा की है। शुक्रवार को अधिकारियों ने बताया कि जिन अधिकारियों ने 25 साल की सेवा पूरी कर ली है या 50 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके हैं, उनकी कड़े मापदड़ों पर केंद्र सरकार ने समीक्षा कराई है।नियमों के मुताबिक संबंधित राज्य सरकार के परामर्श से केंद्र सरकार किसी आईएएस अधिकारी को लिखित रूप में कम से कम तीन महीने पूर्व नोटिस या तीन महीने के वेतन और ऐसे नोटिस के बदले भत्ते देकर सार्वजनिक हित में सेवानिवृत्त होने को कह सकती है। कुल 1,143 अधिकारियों में से, छत्तीसगढ़ कैडर के दो से चार, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेशों और बिहार कैडर से एक-एक को जनहित में समय से पहले सेवानिवृत्ति की सिफारिश की गई है। हालांकि, उन अधिकारियों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। कार्मिक विभाग के आंकड़ों के अनुसार, भारत के ‘स्टील फ्रेम’ माने जाने वाले IAS के 5,104 अधिकारी देश भर में काम कर रहे हैं। ऐसे कई राज्य हैं जिन्होंने केंद्र की याद दिलाने के बावजूद अपने यहां तैनात अधिकारियों के कार्य की समीक्षा नहीं की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए न्यूज एजेंसी को बताया कि आंध्र प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तराखंड के राज्यों ने 25 साल की सेवा के संबंध में अधिकारियों के रिकॉर्ड की गहन समीक्षा नहीं की है।