नई दिल्ली : सबसे बड़ी मैसेजिंग एप व्हाट्सएप के संस्थापक और सीईओ जॉन कुआन ने अपने पद से विदा लेने का ऐलान किया है। खबरों की माने तो जॉन की जगह भारतवंशी नीरज अरोड़ा ले सकते हैं। कुआन ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, मैं उस व्हॉट्सएप से अलग हो रहा हूं जब लोग इस एप को नए नए तरीकों से इस्तेमाल कर रहे हैं। पूरी टीम शानदार है और आगे चलकर ये और भी बेहतर काम करेगी। अपने आगे के प्लान पर कुआन ने लिखा वो कुछ नया करने के पहले कुछ दिन की छुट्टी ले रहे हैं। जॉन ने साल 2009 में ब्रायन एक्टॉन के साथ व्हाट्सएप की स्थापना की थी। पांच बाद यानी 2014-15 में दोनों ने कंपनी को फेसबुक को 19 बिलियन डॉलर में बेच दिया था। एक्टन जिन्होंने पहले ही फेसबुक छोड़ दिया था, फिलहाल फेसबुक के बड़े आलोचकों में से एक हैं। उधर, नीरज अरोड़ा के लिए वक्त जॉन कुआन की जगह लेना आसान नहीं होगा, क्योंकि इस वक्त फेसबुक डाटा ब्रीच मामले के चलते बुरे दौर से गुजर रही है। ऐसे में नीरज के लिए यूजर्स का भरोसा दोबारा जुटाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है।
वहीं कुआन के जाने से फेसबुक इस वक्त भारी प्रेशर में नजर आ रही है। व्हाट्सएप बिजनेस एक्जीक्यूटिव नीरज अरोड़ा, गूगल के पूर्व कॉरोपोर्ट डेवलपमेंट मैनेजर, जो व्हाट्सएप के साथ साल 2011 से हैं, फिलहाल सीईओ पद की रेस में सबसे आगे हैं। टेकक्रंच की रिपोर्ट के अनुसार, अरोड़ा कोम की जगह ले सकते हैं, और व्हाट्सएप के नए सीईओ बन सकते हैं। नीरज अरोड़ा आइआइटी दिल्ली से पढ़े हुए हैं। अगर अरोड़ा को सीईओ बनाया जाता है तो वो दुनिया की बड़ी कंपनियों के भारतीय सीईओ वाली फेहरिस्त जिसमें सत्या नडेला, सुंदर पिच्चई और शांतनु नारायण जैसे दिग्गजों के नाम शामिल है की फेहरिस्त में शामिल हो जाएंगे। आईआईटी से ग्रेजुएशन करने के बाद नीरज अरोड़ा ने साल 2000 में असेलियॉन ज्वॉइन की। कंपनी में अरोड़ा उन पहले इंजीनियरों में से थे जो कोर टेक्नोलॉजी पर काम करते थे। जल्दी उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए आईएसबी ज्वॉइन किया, और वहां से 2006 में फाइनेंस और स्ट्रेटजी के क्षेत्र में एमबीए कर पास हुए, इसके बाद वो टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड के साथ जुड़े और 18 महीने तक काम किया। 2007 में उन्होने गूगल ज्वॉइन किया और गूगल में रहते हुए डेलीडील, स्लाइड, क्लेवरसेन्स, पिटपैट और टॉकबिन जैसी प्रोडक्ट पर काम किया। नीरोज अरोड़ा 7 साल से व्हाट्सएप के साथ जुड़े हुए हैं, यहीं नहीं वो पेटीएम के बोर्ड मेंबर भी रह चुके हैं।