शतरंज की दुनिया में भारत के 12 वर्षीय प्रग्गनानंधा ने शनिवार को इतिहास रच दिया। उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से विश्व शतरंज में खलबली मचा दी है। वह शतरंज के इतिहास में दुनिया का दूसरा सबसे छोटा ग्रैंडमास्टर बन गए हैं।
प्रग्गानंधा ने यह तमगा 12 साल 10 महीने में अपने नाम किया है। यह उनका तीसरा ग्रैंडमास्टर का खिताब है। पहले नंबर पर यूक्रेन के सेर्गेई कार्जाकिन का नाम है, जिन्होंने साल 2002 में 12 साल, 7 महीने की उम्र में सबसे छोटे ग्रैंडमास्टर बनने का खिताब हासिल किया था।
गौरतलब है कि इटली में आयोजित ग्रेडिन ओपन में प्रग्गनानंधा को अंतिम दौर के लिए डच के ग्रैंडमास्टर रोलैंड प्रुइजर्स के साथ जोड़ा बनाया गया। मैच के नतीजे आने के बावजूद भी प्रग्गनानंधा को तीसरे नॉर्म का आश्वासन दिया गया था। जिसके बाद उन्हें 6.5 अंकों के साथ 8 राउंड के अंत में तालिका में संयुक्त टॉप पर रखा गया।
बता दें कि प्रग्गनानंधा के इस सफलता से पूरे चेन्नई में खुशी की लहर है। चेन्नई स्थित चेस गुरूकुल के कोच आरबी रमेश ने ‘द फिल्ड’ से बातचीत में कहा, ‘मैं खुश हूं और राहत मिली क्योंकि वह कुछ मौकों पर काफी क्लोज और कुछ मौकों को गंवा रहा था।’
बता दें कि आपको बता दें कि भारत के पहले ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने 18 साल की उम्र में खिताब अपने नाम किया था, जबकि सबसे कम उम्र के भारतीय के तौर पर यह खिताब परिमार्जन नेगी के नाम है, जिन्होंने 13 साल 4 महीने की उम्र में कारनामा कर दिखाया था।