शनिवार को की गई शनि उपासना का अन्य दिनों से कई गुणा प्रभावशाली असर होता है लेकिन हर रोज बोला गया एक मंत्र आपके जीवन में दिखाएगा कमाल। किसी भी इच्छा को पूरी करने की क्षमता रखते हैं शनि मंत्र। फिर चाहे भरनी हो तिजोरी या पानी हो मनचाही नौकरी, सौभाग्य, दौलत, सफलता या सम्मान। खुश होकर शनि बनाएंगे मालामाल। यदि आप बार-बार किसी दुर्घटना का शिकार होने से बच रहे हैं, धन आने के बावजूद तिजोरी खाली पड़ी है या बनते-बनते बिगड़ रहे हैं काम। तो शनि मंत्रों का जाप दिलाएगा आपको हर संकट से निजात। इसके अतिरिक्त कुंडली में शनि अशुभ दे रहे हों, साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव चल रहा हो तो ऐसे में भी इन शनि मंत्रों में से कोई भी 1 मंत्र कम से कम 108 बार हर रोज बोलें।
वैदिक मंत्र
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शंयोरभि स्रवन्तु न:।।
पौराणिक मंत्र
नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामी शनैश्चरम्।।
बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
सामान्य मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नम:
इसके अतिरिक्त शनिवार के दिन शनि प्रतिमा पर सरसों का तेल अर्पित करते वक्त इन मंत्रों का जाप अवश्य करें-
ॐ नीलांजन नीभाय नम:
ॐ नीलच्छत्राय नम:
ज्योतिष विद्वान मानते हैं, इन मंत्रों का जाप करने से हर तरह की समस्या का समाधान हो जाता है। शनिवार के दिन घर में तेल से बने पकवान बनाकर शनि देव को अर्पित करें। फिर उन्हें गरीबों में बांटने के उपरांत पारिवारिक सदस्यों को खिलाएं, अंत में स्वय ग्रहण करें।