मुंबई. शशांक मनोहर बीसीसीआई के दूसरी बार बॉस बन गए। रविवार को हुई क्रिकेट बोर्ड की बैठक में उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया। शशांक के खिलाफ किसी ने नामांकन तक नहीं किया। जगमोहन डालमिया के निधन के कारण नए अध्यक्ष का चुनाव कया गया है। चुने जाने के फौरन बाद उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता बोर्ड की छवि ठीक करनी है। साथ ही भरोसा जताया कि दो महीने में बदलाव दिखने लगेंगे।
सीधी बात; ‘बदनाम क्रिकेट बोर्ड’ को सुधारने के लिए शशांक का मनोहर प्लान
कोर्ट बोर्ड के कामकाज पर सवाल उठा चुका है। आप क्या करेंगे कि फिर से भरोसा लौटे?
बीसीसीआई क्रिकेट प्रेमियों के कारण ब्रांड बना। कुछ अप्रिय घटनाओं के कारण भरोसा डिगा है। आप मुझे दो माह का समय दें। काफी कुछ दिखने लगेगा।
हितों का टकराव कैसे खत्म करेंगे?
ऐसी शिकायतें दूर करने के लिए एक महीने के भीतर नियम बनाएंगे। लोकपाल या एथिक्स आॅफिसर की नियुक्ति होगी। जो बोर्ड से स्वतंत्र रहकर शिकायतों पर गौर करेगा।
भ्रष्टाचार के भी खूब आरोप लग रहे हैं…
इससे निपटने के लिए खिलाड़ियों के स्तर पर भी काम होगा। सरकार से भी बात करेंगे कि क्या बोर्ड जांच एजेंसियों से करार कर सकता है। ताकि जांच जल्दी शुरू की जा सके। अभी बोर्ड के पास जांच का अधिकार नहीं है।
बोर्ड में पैसे का लेनदेन अंधेरे में क्यों रहता है?
बीसीसीआई राज्य संघों को पैसे देता है। उसकी देखरेख के लिए बोर्ड ही ऑडिटर नियुक्त करेगा। ये राज्य संघों से स्वतंत्र होंगे। बोर्ड की बैलेंसशीट और 25 लाख से अधिक खर्च की जानकारी भी वेबसाइट पर होगी।
खेल का स्तर सुधारने के लिए क्या होगा?
हम चाहते हैं कि नेशनल क्रिक्रेट एकेडमी पूरे साल काम करे। ताकि बेंच स्ट्रैंथ बड़ी हो सके। महिला क्रिकेटरों को केंद्रीय अनुबंध देकर उन्हें प्रोत्साहित करेंगे।
टी-20 फिक्सिंग का अड्डा बन चुका है…
अगले साल मार्च-अप्रैल में भारत टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा। हमारी सबसे बड़ी कोशिश होगी कि इस टूर्नामेंट का बेदाग आयोजन हो।
बीसीसीआई क्रिकेट प्रेमियों के कारण ब्रांड बना। कुछ अप्रिय घटनाओं के कारण भरोसा डिगा है। आप मुझे दो माह का समय दें। काफी कुछ दिखने लगेगा।
ऐसी शिकायतें दूर करने के लिए एक महीने के भीतर नियम बनाएंगे। लोकपाल या एथिक्स आॅफिसर की नियुक्ति होगी। जो बोर्ड से स्वतंत्र रहकर शिकायतों पर गौर करेगा।
इससे निपटने के लिए खिलाड़ियों के स्तर पर भी काम होगा। सरकार से भी बात करेंगे कि क्या बोर्ड जांच एजेंसियों से करार कर सकता है। ताकि जांच जल्दी शुरू की जा सके। अभी बोर्ड के पास जांच का अधिकार नहीं है।
बीसीसीआई राज्य संघों को पैसे देता है। उसकी देखरेख के लिए बोर्ड ही ऑडिटर नियुक्त करेगा। ये राज्य संघों से स्वतंत्र होंगे। बोर्ड की बैलेंसशीट और 25 लाख से अधिक खर्च की जानकारी भी वेबसाइट पर होगी।
हम चाहते हैं कि नेशनल क्रिक्रेट एकेडमी पूरे साल काम करे। ताकि बेंच स्ट्रैंथ बड़ी हो सके। महिला क्रिकेटरों को केंद्रीय अनुबंध देकर उन्हें प्रोत्साहित करेंगे।
अगले साल मार्च-अप्रैल में भारत टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा। हमारी सबसे बड़ी कोशिश होगी कि इस टूर्नामेंट का बेदाग आयोजन हो।