शशिकला को झटका, पनीरसेल्वम ने अपने कैंप में किया स्वागत…
तमिलनाडु में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच अब सबकी नजरें राज्यपाल सी वद्यासागर राव पर टिक गई हैं। उधर एआईएडीएमके की महासचिव वी के शशिकला ने राज्यपाल को पत्र लिख कर उनसे मिलने का समय मांगा। तो वहीं कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के खेमे में एक मंत्री के शामिल होने से उन्हें मजबूती मिली है।
एआईएडीएमके की महासचिव वी के शशिकला नटराजन को बड़ा झटका देते हुए उनके समर्थक और राज्य मंत्री के पांडिराजन ने ओ पनीरसेल्वम के खेमे में शामिल हो गए। पनीरसेल्वम ने अपने कैंप में उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मेरा समर्थन मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम को है और हमारा मकसद सिर्फ पार्टी को एकजुट रखना है। बता दें कि पांडिराजन को शशिकला का वफादार माना जाता है।
इससे पहले तमिलनाडु से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के दो लोकसभा सांसद शनिवार को राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के खेमे में शामिल हो गए थे।
अशोक कुमार कृष्णागिरि और सुंदरम नमाक्कल से सांसद हैं। उन्होंने अपनी पूर्ववर्ती दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के पॉयस गार्डन स्थित आवास को स्मारक में तब्दील कर देने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया है।इससे पहले राज्यसभा सदस्य वी मैत्रेयन भी पन्नीरसेल्वम गुट के साथ हो गए थे।।
शशिकला ने राज्यपाल को लिखी चिट्ठी
शशिकला ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर अपने विधायकों संग उनसे मिलने का समय मांगा है। शशिकला ने गवर्नर को लिखी चिट्ठी में शपथ ग्रहण समारोह में होने वाली देरी पर भी सवाल उठाए हैं। शशिकला ने राव से कहा कि उन्हें यकीन है कि वह संविधान और लोकतंत्र की संप्रभुता को बचाने के लिए तुरंत ही कदम उठाएंगे ।
बता दें कि अन्नाद्रमुक में राजनीतिक तकरार अपने आप में बहुत दुर्लभ है लेकिन पनीरसेल्वम ने सात फरवरी को शशिकला के खिलाफ खुला विद्रोह कर दिया था। इससे दो दिन पहले ही शशिकला के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ करने के लिए उन्हें विधायी दल का नेता चुना गया था।
पनीरसेल्वम ने आरोप लगाया था कि शशिकला के मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर किया गया।