उत्तर प्रदेश
शहीद कैप्टन आयुष को यूं लेने आई ‘भारत मां’, देख सबकी आंखें हो गई नम
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में सेना के कैंप पर फिदायीन हमले में शहीद हुए कैप्टन आयुष यादव का शव शनिवार सवेरे सात बजे उनके घर पहुंचा। हालांकि एक रात पहले ही उनका शव कानपुर लाया जा चुका था लेकन शाम ढलने के चलते क्रियाक्रम अगले दिन किया जाना तय हुआ। इसके बाद उनका शव ‘सेवन हॉस्पिटल’ के मॉर्च्यूरी हाउस में रखा गया था। सुबह अंतिम संस्कार से पहले कैप्टन आयुष का शव जाजमऊ स्थित उनके निवास 165, डिफेंस कॉलोनी लाया गया।
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शव को देखते ही मां का कलेजा फट पड़ा। बहन रूपल रो-रो कर मां को संभालती फिर खूद रो पड़ती। पूरा घर उनकी चीख से गूंज उठा। सुबह उनके शव को लाए जाने से पहले ही कैप्टन आयुष के अंतिम दर्शन के लिए उनके घर के बाहर हजारों लोग जमा थे। ये सभी शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित करने यहां पहुंचे थे। आयुष के शव को कुछ देर के लिए उनके घर के बाहर रखा गया ताकि लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकें। आधे घंटे ये सिलसिला लगातार चलता रहा लेकिन भीड़ कम नहीं हुई।
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आयुष के स्कूल के बच्चे
आयुष के घर के बाहर उनके स्कूल सेंट जोसेफ से सैंकड़ो बच्चे और शिक्षक भी यहां पहुंचे। बच्चे एनसीसी की ड्रेस में आए थे। यहां पहुंचकर बच्चों ने बुलंद आवाज में नारे लगाए ‘जब तक सूरज चांद रहेगा आयुष तेरा नाम रहेगा।’ ‘भारत माता की जय’… ‘आयुष यादव अमर रहे…’
स्कूल के बच्चों के साथ मनिंदरजीत सिंह बिट्टा
स्कूल के बच्चों के साथ मनिंदरजीत सिंह बिट्टा
इसी बीच वहां अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के चेयरमैन मनिंदरजीत सिंह बिट्टा भी पहुंचे। उन्होंने बच्चों से बात की और उनके साथ मिलकर पूरे जोश के साथ आयुष के लिए नारे लगाए। बाद में उन्होंने मीडिया से भी बात की। बिट्टा बोले हमारी मांग है कि कश्मीर में आतंकवादियों के सफाये लिए महबूबा मुफ्ती को वहां से हटाकर योगी आदित्यनाथ को राज्य का गवर्नर या मुख्यमंत्री बना दें। फिर सब सही हो जाएगा।
कैप्टन आयुष यादव की अंतिम यात्रा के दौरान जुटी भीड़
कैप्टन आयुष यादव की अंतिम यात्रा के दौरान जुटी भीड़
अंतिम दर्शन के बाद तकरीबन साढ़े आठ बजे उनका शव आर्मी के ट्रक में रखकर जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ घाट के लिए रवांनगी हुई। कैप्टन आयुष की अंतिंम यात्रा केडीए चौराहा, लाल बंगला से होते हुए निकाली गई। इस दौरान जबरदस्त जनसैलाब उमड़ पड़ा। खास बात ये रही कि इस बीच मुस्लिम भाइयों ने भी पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए।
कैप्टन आयुष यादव की अंतिम यात्रा के पीछे-पीछे चल पड़ा शहर
कैप्टन आयुष यादव की अंतिम यात्रा के पीछे-पीछे चल पड़ा शहर
जाजमऊ जैसे मुस्लिम बहुल इलाके में पार्षद समीम आजाद के नेतृत्व में लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। लोगों की आंखों में अपने वीर जवान को खोने का आक्रोश ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ ‘पत्थरबाज मुर्दाबाद’ के नारों के साथ फट पड़ा। लाल बंगला के करीब बहादुर कैप्टन की अंतिम यात्रा का लोगों ने फूलों से स्वागत किया। इस दौरान लोगों ने जमकर नारेबाजी की।
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कैप्टन आयुष यादव को सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए ले जाते हुए सैनिक
फिर तकरीबन साढ़े नौ बजे सिद्धनाथ घाट पर शहीद का शव पहुंचा। अंतिम संस्कार की तैयारियां की गई। चिता पर उनके शव को रखा गया। वहां पहुंचकर सेना द्वारा पूरे सम्मान के साथ उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। तमाम नेता और प्रशासन के लोग वहां नजर आए। हजारों की भीड़ जुटी। इन सबके बीच एक नन्ही बच्ची अपने लाल को लेने भारत माता का रूप धारण कर वहां पहुंची। उसने चिता पर लेटे आयुष के माथे के जाकर छू लिया। यह देख सबकी आंखे नम हो गई। इसके बाद आयुष यादव की पंचाग्नि हुई। इस दौरान आयुष के चचेरे भाई अभिषेक यादव, रिश्ते के भाई मेजर युवराज, पियुष यादव, मनिष और मयंक द्वारा चिता को पंचाग्नि दी गई।
राज्यमंत्री सतीश महाना कैप्टन आयुष के शव पर पुष्पअर्पित करते हुए
राज्यमंत्री सतीश महाना कैप्टन आयुष के शव पर पुष्पअर्पित करते हुए
ब्रिगेडियर विनय मोहन शर्मा, कर्नल उपाध्याय, कैप्टन पुलकित खेड़ा, कर्नल कौशल, गवर्नर और चीफ सेक्रेटरी ने पुष्प चक्र अर्पित किए। राज्य मंत्री सतीश महाना, देवेंद्र सिंह भोले, पूर्व विधायक रधुनंदन भदौरिया, हरप्रकाश अग्निहोत्री कांग्रेस नगर अध्यक्ष आदि नेता भी वहां पहुंचे थे। मुस्लिम भाई और महिलाएं भी बड़ी तादात में आयुष के अंतिम संस्कार के दौरान सिद्धनाथ घाट पहुंचे। महाना ने इस बीच अहम बयान दिया। बोले सरकार जल्दी ही इसका मुहतोड़ जवाब देगी। उनके बयान का मतबल सर्जीकल स्ट्राइक से जोड़ी जा रहा है। ब्रिगेडियर वीएन शर्मा ने आयुष के माता-पिता को वर्दी और झंडा भेंट किया।