शादी का लाल जोड़ा पहन शहीद पति को कहा अलविदा
गौरतलब हैं कि 14 फ़रवरी 2019 को जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले की वजह से देश के 46 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे. इन जवानों की शहादत का दुःख पूरा देश मना रहा हैं. बड़े राजनेता, खलाड़ी और बॉलीवुड सितारें सहित कई लोगो ने सोशल मीडिया के जरिये इस हमले की निंदा की हैं और साथ ही जवानों के जाने का दुःख भी प्रकट किया हैं. इस घटना के बाद जवानों के पार्थिव शरीर को उनके परिजनों तक पहुँचाया गया. ऐसे में जहाँ जहाँ इन जवानों का पार्थिव शरीर गया वहां वहां दुःख और मातम का माहोल छा गया. हर जवान की अपनी एक स्टोरी हैं, उसका पीछे छूट गया परिवार हैं जिसके बारे में जान हमारी आँखें नम हो जाती हैं. इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसे शहीद हुए जवान के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी पत्नी ने दुल्हन का लाल जोड़ा पहन अंतिम विदाई दी.
दरअसल 14 फरवरी के इस फमले में हमाचल प्रदेश के सीआरपीएफ जवान तिलक राज भी शहिद हो गए थे. ऐसे में जब उनके पत्रिक गांवे में उनकी अंतिम बिदाई की गई तो उनकी पत्नी सावित्री ने वही दुल्हन का जोड़ा पहना था जो वे अपनी शादी के समय ससुराल पहन कर आई थी. अपने पति को इस हालत में देख सावित्री के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. सावित्री और राज तिलक के दो बेटे हैं जिसमे से एक वरुण ढाई साल का हैं जबकि दूसरा छोटा बेटा सिर्फ 22 दिन का हैं.
जब तिलक राज के पार्थिव शरीर को ताबूत में बंद कर लाया गया तो वरुण उसे देखने की जिद कर रहा था. इसके बाद उसके परिजन वरुण को माँ और उसकी गोद में रो रहे 22 दिन के बेटे के पास ले आए. अपने छोटे भाई को रोता देख ढाई साल का वरुण उसे चुप कराने लगा. ये नज़ारा देख वहां मौजूद सभी लोगो की आँखों से आंसू झलक गए.
तिलक राज को अंतिम विदाई देने के लिए उनके घर के बाहर बहुत सारे लोगो की भीड़ लग गई. इस वजह से उनके ताबूत को घर के मुख्य द्वार से ले जाना मुश्किल हो गया. फिर पिछले दरवाजे से खेतो से होते हुए उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया.
इस वजह से शहीद की पत्नी ने पहना था दुल्हन का जोड़ा
अब आप में से बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि आखिर शहीद की पत्नी ने इस अंतिम विदाई के दौरान दुल्हन का जोड़ा क्यों पहन रखा था. दरअसल ये हिमाचल प्रदेश में रहने वाले कुछ लोगो की प्राचीन परंपरा हैं. इतिहासकार प्रेम सागर के अनुसार जब पति पत्नी की शादी की जाती हैं तो उस दौरान एक रस्म होती हैं जिसमे पत्नी कसम खाती हैं कि वो हमेशा सदा सुहागन ही रहेगी. इसका मतलब ये हुआ कि वो पति के पहले इस दुनियां को छोड़ जाएगी. लेकिन यदि ऐसा नहीं होता हैं और किसी कारण से पति पहले चला जाता हैं तो पत्नी इस रस्म के अनुसार पति को अंतिम विदाई दुल्हन का जोड़ा पहन देगी. बस यही वजह थी कि शहीद तिलक राज की पत्नी ने भी इस परंपरा को निभाते हुए ला जोड़ा पहन रखा था.