अद्धयात्म

शाम को दीपक जलाकर तुलसी के सामने बोल दें ये मंत्र, ज़िन्दगी भर नहीं होगी कोई परेशानी

हिंदू धर्म में ऐसी ऐसी मान्यताएँ हैं, जिनके अनुसार अगर व्यक्ति अपना जीवन जिए तो उसके जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी ही नहीं रहेगी। कहा जाता है कि इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो परेशानियों से मुक्त होगा। भले ही कम लेकिन परेशनियाँ हर व्यक्ति के जीवन में होती हैं। परेशनियाँ हर व्यक्ति के जीवन का एक हिस्सा होती हैं। बिना परेशानियों के कोई भी मनुष्य नहीं है। लेकिन जो लोग धर्म-कर म करते हैं, उनके जीवन की परेशनियाँ बहुत जल्दी दूर भी हो जाती हैं।

शाम को दीपक जलाकर तुलसी के सामने बोल दें ये मंत्र, ज़िन्दगी भर नहीं होगी कोई परेशानीहिंदू धर्मशास्त्रों में कई ऐसी बातें बताई गयी हैं, जिनका पालन करने वाला सुखी जीवन जीता है। वहीं जो लोग धार्मिक नियमों का पालन नहीं करते हैं, उनके जीवन में कई तरह के दुःख रहते हैं। शास्त्रों में सूर्योदय और सूर्यास्त के महत्व के बारे में बताया गया है। ये दोनो समय पूजा-पाठ के लिए बहुत ही शुभ होते हैं। इस समय पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के जीवन की सभी परेशनियाँ हमेशा के लिए दूर हो जाती है। सुबह सूर्योदय के समय उठकर नहाने के बाद सूर्य और तुलसी को जल चढ़ना शुभ माना जाता है।

तुलसी को छू लेने से मनुष्य हो जाता है पवित्र:

सूर्यास्त के समय तुलसी के पौधे के समक्ष डिंपल जलाना चाहिए। इसके साथ ही एक मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे व्यक्ति को जीवन की परेशानियों से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है। तुलसी के पौधे के बारे में कहा जाता है कि बिना तुलसी के पौधे के श्री नारायण की पूजा सफल ही नहीं होती है। तुलसी के पौधे को केवल छू लेने से ही व्यक्ति के कई पाप कट जाते हैं। व्यक्ति जन्मों-जन्मों के पाप से हमेशा के लिए तर जाता है। तुलसी के पौधे को स्वर्ग का पौधा भी कहा जाता है। इसमें कई देवी-देवताओं का वास भी माना गया है।

सुबह जल चढ़ाएँ और शाम को तुलसी के नीचे जलाएँ दीपक:

विष्णु पुराण के अनुसार अगर घर के मुख्य द्वार पर तुलसी का पौधा लगाया जाते तो घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तुलसी के पौधे को सुबह जल चढ़ाने और शाम के समय उसके नीचे घी का डिंपल जलने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। दीपक जलाने के बाद यह मंत्र बोलने से शुभ फल की प्राप्ति भी होती है।

मंत्र:

महाप्रसाद जननी,सर्व सौभाग्यवर्धिनी
आधि व्याधि हरा नित्यं,तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
अर्थ:

ही तुलसी आप जीवन में सभी प्रकार से सौभाग्यों को बढ़ाने वाली हैं। हमेशा आप लोगों की बीमारियों को दूर करके उन्हें स्वस्थ्य रखती हैं। हम आपको नमस्कार करते हैं

आपकी जानकारी के लिए बता दें बहुत कम लोगों को यह पता है कि तुलसी माता को धन की देवी माँ लक्ष्मी का अवतार माना गया है। इसी वजह से भगवान विष्णु तुलसी से बहुत प्रसन्न होते हैं। मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु ने छल से तुलसी का वरण किया था। इसी वजह से श्रीहरि को पत्थर हो जानें का श्राप मिला था। इसके बाद श्रीहरि ने शालिग्राम का रूप लिया था। शालिग्राम रूप में भगवान विष्णु की पूजा बिना तुलसी के कभी स्वीकार नहीं की जाती है।

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