शाहीन बाग में धारा 144 लागू, बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात
नई दिल्ली, जेएनएन/ एजेंसी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में जहां स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है। वहीं शाहीन बाग में बड़ी संख्या में पुलिसबल को तैनात किया गया है। धरना स्थल पर प्रदर्शन को लेकर हिंदू सेना की चेतावनी के बाद पुलिस हरकत में आयी और एहतियात के तौर पर पुलिस की तैनाती की गई है। संयुक्त आयुक्त डीसी श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस का उद्देश्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना है और किसी भी अप्रिय घटना को होने से रोकना है। दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग इलाके में धारा 144 भी लगा दी है। जामिया मिलिया और शाहीन बाग धरना स्थल के पास भारी पुलिस बल तैनात है। सुरक्षाबल धारा 144 सीआरपीसी लागू होने की जानकारी दे रहे हैं। शाहीन बाग मेट्रो से सरिता विहार की तरफ जाने वाला रास्ता साथी सरिता विहार से कालिंदी कुंज मार्ग की ओर जाने वाले रास्ते को पूरी तरीके से सुरक्षाबलों ने बंद कर दिया है। दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त डीसी श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे पास केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और दिल्ली पुलिस के कर्मचारी हैं। हम शांति चाहते हैं। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग इलाके में धारा 144 भी लगा दी है। लोगों को प्रदर्शन करने या एकत्रित होने की इजाजत नहीं है। संयुक्त आयुक्त डीसी श्रीवास्तव ने बताया कि एहतियात के तौर पर यहां भारी पुलिस तैनाती है। पुलिस का उद्देश्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना है और किसी भी अप्रिय घटना को होने से रोकना है। शाहीन बाग में बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। धरना स्थल पर प्रदर्शन को लेकर हिंदू सेना की चेतावनी के बाद एहतियात के तौर पर पुलिस की तैनाती की गई है। गृह राज्यमंत्री किशन रेड्डी ने हैदराबाद में कहा कि दिल्ली हिंसा में दुर्भाग्य से कई निर्दोष लोगों ने अपनी जान और संपत्ति खो दी, जिसमें एक बहादुर कांस्टेबल भी शामिल था। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों और सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे अफवाह की वजह से इतना बवाल हुआ। रविवार को जाफराबाद में हालात सामान्य हैं। यहां पर लोग आ जा रहे हैं। हांलाकि पुलिस बड़ी संख्या में तैनात है।
गौरतलब है कि हिंदू सेना रविवार को धरना स्थल पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया था लेकिन बाद में अपना फैसला वापस ले लिया था। पिछले दो महीने से चल रहा धरना अभी भी चल रहा है। पुलिस लोगों के बीच विश्वास पैदा करने में जुटी है। हिंसा मामले में अब तक कुल 167 केस दर्ज किए जा चुके हैं, 36 केस आर्म्स एक्ट की धारा में दर्ज किए गए। वहीं हत्या की धाराओं में 42 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिसमें सात मामले फिलहाल क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किए गए हैं। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के तनाव वाले इलाकों में शनिवार को ज्यादातर दुकानें खुल गईं। घर छोड़कर गए लोग भी अपने जले व लुटे अशियानों की सुध लेने पहुंचने लगे हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस व अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात हैं और दिल्ली पुलिस के कई विशेष आयुक्त गश्त कर रहे हैं। शुक्रवार को सड़कों से ईंट-पत्थर उठाने के बाद शनिवार को नगर निगम का अमला धूल साफ करने और पानी का छिड़काव करने में जुटा रहा, ताकि आवाजाही और सामान्य हो सके। 885 उपद्रवियों की धरपकड़ की जा चुकी है। दिल्ली पुलिस प्रवक्ता मंदीप सिंह रंधावा के मुताबिक हालात पूरी तरह नियंत्रण में है। जांच के लिए भजनपुरा व खजूरीखास दो थानों में क्राइम ब्रांच ने अस्थायी कार्यालय बनाए हैं। दंगा मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से अब तक 36 अवैध हथियार मिले हैं। हालांकि पुलिस अभी यह नहीं बता रही है कि इनमें कौन-कौन से हथियार बरामद हुए हैं। पुलिस के प्रवक्ता मंदीप रंधावा ने बताया कि दंगे में दर्ज मामलों के अलावा भी आर्म्स एक्ट के तहत भी इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुए हैं। कुल 36 केस दर्ज किए जा चुके हैं। इनकी जांच चल रही है। जानकारी के मुताबिक, उत्तर-पूर्वी जिले में दंगे में अवैध हथियारों का जमकर इस्तेमाल किया गया। दरअसल यमुनापार में भी कई हथियार गिरोह सक्रिय हैं और समय-समय पर पुलिस इन पर कार्रवाई भी करती रहती है।