शिक्षा मंत्री को चुनौती देने वाली सातवीं की छात्रा को अधिकारियों ने नये झमेले में फंसाया
रायपुर. छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप के दुर्व्यवहार की शिकार हुई सातवीं की छात्रा रूबी परवीन को अधिकारियों ने नये झमेले में फंसा दिया है.
दरअसल, गुरुवार को परवीन डीईओ ऑफिस 10वीं की परीक्षा में बैठने की काबिलयत के लिए टेस्ट देने पहुंची थी, लेकिन वहां अधिकारियों ने नया पेंच फंसाते हुए नवमी के सिलेबस से शुक्रवार को परीक्षा दिलाने की बात बताई.
दिलचस्प बात यह है कि पहले से ऐसा कुछ नहीं कहा गया था और रूबी परवीन ने 10वीं के सिलेबस से तैयारी कर रखी है. मामला सातवीं की इस छात्रा का दसवीं बोर्ड का एक्जाम देने की चाहत से जुड़ा हुआ है.
रूबी, उसकी शिक्षिका, परिजन और उसके और पड़ोसियों को भी ये यकीन है कि ये बच्ची इतनी मेधावी है कि 10वीं बोर्ड की परीक्षा आसानी से पास कर सकती है. इसके लिए उसने पूरी तैयारी कर ली थी. बेहत मशक्कत करने के बाद अब जाकर स्कूल शिक्षा महकमा इस बात पर 10वीं में प्रवेश के लिए राजी हुआ है कि पहले रूबी को टेस्ट पास करना होगा.
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पहले तो ये कहा कि टेस्ट शुक्रवार को होगा और फिर नियमों का हवाला देकर कहा गया कि टेस्ट दसवीं नहीं बल्कि नवमी के सिलेबस से होगा.
वहीं, रूबी ने दसवीं की सिलेबस से पढ़ाई की है और दसवीं बोर्ड का एक्जाम देना चाहती है. रूबी खुद, उसके परिजन, शिक्षिका और यहां तक कि पड़ोसी भी मानते हैं ये बच्ची सातवीं लायक नहीं है बल्कि 10 क्वालिफाई करने की योग्यता और हौसला रखती है.
दरअसल मामला स्कूल शिक्षा मंत्री से जुड़ा हुआ है. पिछले दिनों रूबी और उसकी शिक्षिका यहां गुहार लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप के यहां गई थी. जिसपर रूबी और शिक्षिका माधवी का आरोप है कि मंत्री केदार कश्यप ने इन्हें धक्के देकर बाहर निकाल दिया और दुर्व्यवहार किया.
फिर मामला सुर्खियों में आया और स्कूल शिक्षा विभाग ने टेस्ट की शर्त रख दी. नवमी के सिलेबस से एक्जाम पर तो रूबी के पिता को यहां तक शक है कि इसमें कोई राजनीतिक दबाव हो सकता है.