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शिवपाल ने की अखिलेश आर्मी की छुट्टी,
लखनऊ। मुलायम सिंह यादव के दखल के बाद ऐसा लग रहा था कि समाजवादी पार्टी में छिड़ी जंग फिलहाल थम गई है, लेकिन यह संघर्ष-विराम 24 घंटे भी नहीं रह सका।
एक दिन पहले राम गोपाल यादव के सगे भांजे अरविंद प्रताप यादव को पार्टी से निकालने के बाद अब शिवपाल यादव ने अखिलेश के 7 करीबियों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
तेज हो सकती है रार
समाजवादी कुनबे के भीतर रार खत्म होने के बजाय और तेज हो सकती है। शिवपाल ने अखिलेश से आर-पार की लड़ाई का संकेत दे दिया है। जब शिवपाल के विभाग हटाए गए थे और यादव परिवार का कलह खुलकर सामने आया था, उस समय रामगोपाल यादव हर फैसले में अखिलेश के साथ खुलकर खड़े थे।
खुद को बॉस बताने के लिए हो रही कार्रवाई
अब शिवपाल यादव ने प्रदेश अध्यक्ष बनने और पूरी लड़ाई में खुद को प्रभावी साबित करने के बाद हिसाब करना शुरू कर दिया है। इसीलिए उन्होंने सबसे पहली कार्रवाई अपने चचेरे भाई राम गोपाल यादव के सगे भांजे अरविंद प्रताप यादव के खिलाफ की, और अब उनके निशाने पर अखिलेश के करीबी हैं।
अखिलेश के बेहद करीबी हैं निकाले गए नेता
एमएलसी सुनील सिंह यादव और आनंद भदौरिया दोनों की ही गिनती अखिलेश यादव के बेहद करीबियों में होती है। इन दोनों को निकाय कोटे की विधान परिषद की सीटों पर चुनाव के दौरान भी पार्टी से निकाला गया था। उस समय अखिलेश इतने नाराज हुए थे कि सैफई महोत्सव में शामिल नहीं हुए। उनकी नाराजगी के बाद फिर से इन दोनों नेताओं की पार्टी में वापसी हुई थी।
युवा कार्यकर्ताओं में अखिलेश की मजबूत पकड़
एसपी के युवा कार्यकर्ताओं में अखिलेश की मजबूत पकड़ है। युवजन सभा, यूथ ब्रिगेड, समाजवादी छात्र सभा जैसे पार्टी के युवा संगठनों में अखिलेश के करीबी ही अहम पदों पर हैं। लेकिन शिवपाल ने यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष की भी छुट्टी कर दी है। इसी तरह युवजन सभा और समाजवादी छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इन सभी ने कल कहा था कि वे शिवपाल के नेतृत्व में काम नहीं करेंगे। विधायक संजय लाठर भी अखिलेश खेमे के माने जाते हैं।