शिवसेना नेता ने कहा- लोकसभा स्पीकर BJP का होगा, लेकिन डिप्टी स्पीकर बनने का हक सिर्फ हमारा…
लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के पद पर बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने दावा किया है. इस संबंध में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ”हमने सिर्फ इतना ही कहा है कि लोकसभा स्पीकर बीजेपी का होगा और डिप्टी स्पीकर का हक नेचुरली हमारा बनता है. हमारे 18 सांसद हैं. एनडीए में हम दूसरी बड़ी पार्टी हैं. जब हमें पता चला की ये पद किसी और को दिया जा रहा है जिसने हमारे खिलाफ चुनाव लड़ा, तब जाकर हमने ये बात कही है.”
वहीं दूसरी तरफ शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ की है. इस बारे में संजय राउत ने कहा कि जो सच है वो लिखा है. अगर कश्मीर का भूगोल बदल रहा है तो ये बड़ी बात है. ऐसा साहस किसी ने नहीं किया. अगर नए गृहमंत्री कश्मीर के अच्छे के लिए कोई रणनीति बनाना चाहते हैं तो देश के हर आदमी को उनके साथ खड़ा रहना चाहिए. वहां पर हिंदू मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकता है? जब देश का राष्ट्रपति मुसलमान बन सकता है तो वहां सीएम हिंदू क्यों नहीं बन सकता.
शिवसेना ने सामना में कहा, ‘गृह मंत्री ने बड़े ऑपरेशन की नीति बनाई’
इसके साथ ही संजय राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे अयोध्या जाएंगे, पहले भी गए थे. मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होना चहिए. हमारा कमिटमेंट था कि हम चुनाव जीतने के बाद अपने सांसदों के साथ जरूर जाएंगे. इसलिए हम उद्धव जी के नेतृव में हम जा रहे हैं.
शिवसेना ने सामना में की अमित शाह की तारीफ
इस बीच केंद्र की नई मोदी सरकार में गृहमंत्री के रूप में अमित शाह द्वारा जम्मू कश्मीर में परिसीमन के प्रस्ताव का शिवसेना ने स्वागत किया है. शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र सामना के जरिए अमित शाह की तारीफ की है. शिवसेना ने लिखा है, ‘अमित शाह ने क्या करना तय किया है, यह स्पष्ट हो गया है. जम्मू-कश्मीर की समस्या का बड़ा ऑपरेशन करने के लिए उसे उन्होंने टेबल पर लिया है. कश्मीर घाटी में हमेशा के लिए शांति स्थापित करना ये मामला तो है ही, साथ ही कश्मीर सिर्फ हिंदुस्तान का हिस्सा है, ऐसा पाक तथा अलगाववादियों को अंतिम संदेश देना भी जरूरी है. अमित शाह उस दिशा में कदम उठा रहे हैं.’
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इस लेख में आगे लिखा है, ‘फिलहाल कश्मीर में राष्ट्रपति शासन जारी है. जल्द ही अमरनाथ यात्रा शुरू होगी. अमरनाथ यात्रा शांति से संपन्न हो और उसके बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का चुनाव कराया जाए, ऐसा माहौल दिखाई दे रहा है. अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा सीटों का ‘भूगोल’ बदलना तय किया है और जम्मू-कश्मीर का अगला मुख्यमंत्री हिंदू ही होगा, इसके लिए मतदाता क्षेत्रों का परिसीमन अर्थात डिलिमिटेशन करना तय किया है. दिल्ली में उन्होंने कश्मीर की सुरक्षा के संदर्भ में एक बैठक की. उस बैठक में कश्मीर में किए जानेवाले संभावित ‘डिलिमिटेशन’ पर भी चर्चा हुई, इस तरह की खबरें प्रकाशित हुई हैं. सरकारी स्तर पर इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि भले ही न हुई हो, फिर भी नए गृहमंत्री ने सरकार का इरादा अप्रत्यक्ष तरीके से स्पष्ट कर दिया है यह निश्चित ही कहा जा सकता है.’