शुरू हुई 1947 में डिज़ाइन की गई दुनिया की सबसे लंबी रेल सुरंग
पटना। सिवान के पत्रकार राजदेव हत्याकांड का आरोपी लड्डन मियां ने आज सिवान के सीजीएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। हत्याकांड के बाद लड्डन फरार चल रहा था और पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी। उसके घर की कुर्की जब्ती के आदेश भी निर्गत किए गए थे।
राजद के बाहुबली पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के खासमखास बताए जा रहे लड्डन मियां ने आत्मसमर्पण के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान राजदेव मर्डर केस में अपनी संलिप्तता होने से इंकार किया है। उसने बताया कि पुलिस की बढती दबिश के कारण ही उसने सरेंडर किया है।
इश्तेहार जारी किया गया था
इससे पहले पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के मुख्य आरोपित लड्डन मियां पर सोमवार को कोर्ट ने इश्तेहार जारी कर दिया था। टाउन थाने के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि इश्तेहार सीजेएम कोर्ट से जारी हुआ है। इश्तेहार जारी होते ही केस के आईओ ने सीजेएम कोर्ट से इश्तेहार लिया और बड़ी संख्या में टाउन थाने की पुलिस के साथ रामनगर जाकर लड्डन के घर पर इश्तेहार चस्पा किया।
कोर्ट में सरेंडर का था दबाव
पुलिस ने इश्तेहार के माध्यम से लड्डन मियां को चेतावनी दी थी कि कोर्ट में वह जल्द से जल्द सरेंडर करें। अगर लड्डन कोर्ट में सरेंडर नहीं करता है या गिरफ्तार नहीं होता है तो पुलिस कुर्की जब्ती की प्रक्रिया अपनाएगी। लड्डन मियां पर कोर्ट ने शुक्रवार को ही गिरफ्तारी का वारंट भी जारी किया था।
हालांकि पुलिस ने कोर्ट से वारंट के साथ ही इश्तेहार के लिए अनुरोध किया था। इश्तेहार के बाद कुर्की जब्ती का भी आदेश जारी होने के बाद पुलिस उसके घर की कुर्की जब्ती करने की तैयारी शुरू करने वाली थी। टाउन थाने की पुलिस ने मंगलवार को इस केस में कुर्की जब्ती के आदेश के लिए कोर्ट में आवेदन भी किया था।
लड्डन की गिरफ्तारी के लिए की गई ताबड़तोड़ छापेमारी
पुलिस ने लड्डन की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की लेकिन 17 दिनों बाद आज लड्डन के आत्मसमर्पण के बाद अब पुलिस यह दावा कर रही है कि जल्द ही पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड का पर्दाफाश हो जाएगा। लड्डन की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें काम कर रही थीं। पटना से आई एसटीएफ व जिले में गठित एसआईटी भी लड्डन की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही थी।
राजदेव की हत्या के दो घंटे बाद ही हो गया था फरार
राजदेव हत्याकांड के दो घंटे बाद से ही लड्डन फरार हो गया था और उसे गिरफ्तार करना पुलिस के लिए चुनौती बन गयी थी। पुलिस जहां भी छापेमारी कर रही थी वहां से उसे खाली हाथ लौटना पड़ रहा था। इस हत्याकांड में शामिल पांच अपराधियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
पांच शूटर हुए थे गिरफ्तार
पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में पुलिस ने पिछले बुधवार को मुख्य शूटर रोहित कुमार सहित पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। सीवान के एसपी सौरभ कुमार साह ने बताया कि पत्रकार की हत्या पूर्व राजद सांसद शहाबुद्दीन के करीबी माने जाने वाले कुख्यात भू-माफिया लड्डन मियां ने कराई थी।
एसपी ने बताया कि मुख्य शूटर रोहित ने बताया कि लड्डन ने ही उसे पिस्टल और 15 हजार रुपए भी दिए थे। हत्या के चंद मिनटों बाद ही पता चल गया था कि इसमें लड्डन का ही हाथ है, लेकिन लड्डन ने किस कारण से या किसके लिए हत्या कराई, इसका खुलासा अब उसके आत्मसमर्पण करने के बाद उससे की गई पूछताछ में हो सकेगा। प्रारंभिक पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था।
पिस्टल, कारतूस और बाइक भी बरामद किए गए
शूटरों की गिरफ्तारी के अलावा पिस्टल, कारतूस और तीन बाइक भी बरामद किए गए थे, जिसमें एक बाइक पर खून के धब्बे भी पाए गए थे। पुलिस ने बताया कि इस हत्या में छह अपराधी शामिल थे।बताते चलें कि राजदेव हत्याकांड के तार सिवान से जुड़े हैं क्योंकि गिरफ्तार सभी आरोपी सीवान के ही हैं। खास बात यह है कि इनमें से किसी का पुराना आपराधिक रिकाॅर्ड नहीं है और हत्या का मकसद भी स्पष्ट नहीं हो सका है।
हत्या पूर्व रेकी
गिरफ्तार शूटरों में से दो अपराधी विजय और राजेश पत्रकार राजदेव की ऑफिस के पास उसकी रेकी कर रहे थे। राजेश ने दो बार जाकर देखा था कि पत्रकार राजदेव की गाड़ी है या नहीं। गाड़ी देख आश्वस्त हो गया कि वह अभी ऑफिस में ही है। जब ऑफिस बंद हुआ तो राजदेव बाइक से निकले। राजेश और विजय उनके पीछे लग गए और कुछ दूर खड़े शूटर रोहित को सूचना दी। रोहित ने राजदेव की बाइक को ओवरटेक कर दो गोलियां मारीं, तीसरी गोली लगते ही राजदेव गिरे और उनकी मौत हो गई। विजय और राजेश हत्या के बाद सोनू के घर आए और हथियार छिपाकर दिल्ली भाग गए।
यूं हुआ खुलासा
वारदात के चंद मिनटों बाद ही पता चल गया था कि हत्या में शहाबुद्दीन के करीबी लड्डन का हाथ है। संदेह के आधार पर रोहित को उसके घर से उठाया गया और पूछताछ बाद छोड़ दिया। रोहित बेफिक्र हो चुका था कि पुलिस ने उससे पूछताछ कर ली है, अब उसकी गिरफ्तारी नहीं होगी। 20 मई को जब विजय और राजेश सीवान आए तो मौका देख दोनों को पुलिस ने उठा लिया। सख्ती से पूछताछ में दोनों टूट गए और पूरा खुलासा कर दिया।
रोहित ने कबूल किया गोली उसने चलाई
रोहित कुमार ने कुबूल किया है कि पत्रकार पर उसने ही गोली चलाई थी, जिससे उसकी मौत हो गई। उसने बताया कि उसे गोली चलाने की सुपारी लड्डन मियां ने दी थी। इसके लिए उसे पैसे दिए गए थे। पुलिस ने अपराध में इस्तेमाल की गई 7.56 बोर की देसी पिस्तौल और तीन मोटरसाइकिलें भी बरामद की थी।
पत्रकार हत्याकांड की सीबीआई जांच शुरू
13 मई को सीवान में हुए पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की सीबीआई जांच शुरू हो चुकी है। टाउन पुलिस ने सीबीआई को पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की एफआईआर की पुलिस अधीक्षक से प्रमाणित कॉपी भेज दी है।
वहीं सीवान जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे से हत्याकांड के दिन व उसके पूर्व के दिनों के घटनाक्रम का बैकअप गायब है।
लड्डन की संपत्ति कुर्क करने में पेंच, परिजन पहुंचे कोर्ट
लड्डन मियां की संपत्ति कुर्क करने में कानूनी पेंच फंस गया है। परिजनों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
लड्डन मियां की पत्नी रेहाना बेगम, बहनों व भाई पप्पन मियां ने अदालत में आवेदन दे अवगत कराया कि मकान में उनका भी हिस्सा है।
पत्रकार राजदेव रंजन मर्डर केस :
13 मई की शाम को सिवान में हिंदुस्तान दैनिक समाचारपत्र के ब्यूरो हेड राजदेव रंजन आंदर ढाला स्थित अपने रिश्तेदार के घर जा रहे थे। तभी पीछे से घात लगाए दो अपराधियों ने फलमंडी के समीप उन्हें रोककर गोली मार दी। पहली गोली गर्दन में, दूसरी उनके सिर में मारी गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना टाउन थाना क्षेत्र के ओवरब्रिज के समीप करीब 07.30 बजे हुई। इस मामले में पुलिस ने 14 मई की सुबह चार संदिग्धों को हिरासत में लिया, जिनमें दो को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।
घटना के कारण अज्ञात, दो गिरफ्तार
पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या क्यों और किस उद्देश्य से की गई, घटना के 24 घंटे बाद भी पुलिस यह नहीं पता कर सकी है। हालांकि, पुलिस ने 13 मई की देर रात जीरादेई थाना क्षेत्र से दो बदमाशों उपेन्द्र सिंह और जितेन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया। दोनों से पुलिस ने गहन पूछताछ की है। इस बीच पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार पत्रकार को करीब से पांच गोलियां मारी गई हैं। पेट में तीन गोली मिली हैं, एक गोली गर्दन और एक सिर में मारी गईं।
कांड के विरोध में सिवान शहर में पत्रकारों ने कैंडल मार्च निकाला। राजधानी पटना में भी पत्रकारों ने आक्रोश मार्च निकाला।
थाने में बदमाशों से पूछताछ
राजेदव हत्याकांड में जीरादेई थाना क्षेत्र से गिरफ्तार उपेन्द्र सिंह और जितेन्द्र सिंह को पचरुखी थाने में लाकर महाराजगंज एसडीपीओ के नेतृत्व में पूछताछ की गई। एसपी सौरव कुमार शाह ने बताया कि दोनों अपराधियों पर अवैध शराब बिक्री का भी आरोप है। पुलिस को संदेह है कि ये राजदेव रंजन की हत्या में शामिल हैं। उपेन्द्र सिंह ईंट भट्टा संचालक है।
करीब से मारीं थीं पांच गोलियां
पत्रकार राजदेव रंजन को एक के बाद पांच गोलियां मारी गई थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह सच सामने आया है। राजदेव को अपराधियों ने करीब से सटाकर गोली मारी। अपराधियों ने पेट में तीन गोली, एक गर्दन और एक उनके सिर में मारी थी। मिली पांचों गोलियां 7.6 एमएम की हैं।