संसद में बोले राजनाथ, कांग्रेस के शासन में दलितों पर ज्यादा अत्याचार हुए
एजेंसी/ नई दिल्ली। गुजरात के उना में गौरक्षक दलों की दबंगई से भड़के दलित समुदाय का गुस्सा जहां एक ओर सड़कों पर आ गया है, वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस पर सियासत के सुर तेज हो गए हैं। बुधवार को शून्य काल के दौरान विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में यह मुद्दा उठाया।
पूरी घटना को लेकर लोकसभा में सरकार का पक्ष रखते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि देश में कांग्रेस शासनकाल में दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुए। उना की घटना पर राज्य सरकार कार्रवाई कर रही है। हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं। मामले को लेकर पीएम ने भी संज्ञान लिया है अौर वो इससे दुखी हैं।
अब तक घटना के 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है वहीं 2 पुलिस हिरासत में हैं जबकि काम में लापरवाही बरतने वाले 4 पुलिसवाले भी सस्पेंड कर दिए गए हैं। राज्य सरकार ने पीड़ितों को मुआवजा देने की घोषणा की है साथ ही उनका इलाज का खर्च भी सरकार उठाएगी। दलितों पर किसी भी सरकार के शासन में अत्याचार हों वो दुर्भाग्यपूर्ण हैं। आजादी से लेकर अब तक यह एक समाजिक बुराई बन चुकी है और सबको मिलकर इस बुराई को दूर करना होगा।
गृहमंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि पिछले सालों में देश के विभिन्न राज्यों में जब कांग्रेस का शासन था तब दलितों पर अत्याचार के कई मामले सामने आए।
इससे पहले सोनिया गांधी ने लोकसभा में इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने आदिवासी, दलित और परंपरागत वनवासियों के फॉरेस्ट राइट्स एक्ट 2006 के अंतर्गत अधिकार छीन लिए हैं और पर्यावरण अधिकारों को भी कमजोर किया है। सजा से बचकर एससी, एसटी और अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं जो शर्मसार करने वाला है।
सोनिया ने आगे कहा कि घाटी में हाल ही में हुई घटनाएं दुखद हैं और देश के सामने गंभीर चुनौती पेश करती हैं। आतंकियों से कठोरता से निपटा जाना चाहिए। साथ ही हमें यह भी जांचना चाहिए कि ऐसी कौन सी बात है जो युवाओं के गुस्से को हिंसा के स्तर तक ले जा रही है।
वहीं दूसरी तरफ राज्यभा में भी इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और इसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए रोकनी पड़ी।