नई दिल्ली : 1984 सिख दंगे के एक मामले में सजायाफ्ता सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सुप्रीम न्यायालय आज सुनवाई करेगा। जस्टिस एसए बोबडे की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। पिछली सुनवाई में CBI ने सुप्रीम न्यायालय में जवाब दाखिल कर सज्जन कुमार की जमानत का विरोध किया था। CBI ने अपने जवाब में बोला था कि सज्जन कुमार प्रभावशाली आदमी हैं व ऐसे में उनको जमानत देने से सिख दंगे के दूसरे मामलों में गवाह प्रभावित हो सकते हैं इसलिए सज्जन कुमार को जमानत ना दी जाए। इससे पहले सुप्रीम न्यायालय ने सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर CBI को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि सज्जन कुमार ने सुप्रीम न्यायालय में अपील दायर कर दिल्ली न्यायालय के उस निर्णय को चुनौती दी हुई है, जिसमें उन्हें दिल्ली कैंट इलाके में सिखों के कत्लेआम मामले में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके अतिरिक्त न्यायालय ने सज्जन कुमार पर पांच लाख का जुर्माना भी लगाया था।
न्यायालय ने बाकी 5 दोषियों पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाया था, जिनमें बलवान खोखर, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल को उम्रकैद जबकि महेंद्र यादव व किशन खोखर की सजा तीन वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष कर दी गई थी।जस्टिस एस मुरलीधर व जस्टिस विनोद गोयल की खंडपीठ ने अपने निर्णय में बोला था कि 1947 में विभाजन के समय हुए नरसंहार के 37 वर्ष बाद फिर हजारों लोगों की मर्डर हुई व पीएम की मर्डर के बाद एक समुदाय को निशाना बनाया गया। हत्यारों को राजनीतिक संरक्षण था। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की मर्डर के बाद दिल्ली कैंट के राज नगर में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मर्डर की गई थी। गौरतलब है कि निचली न्यायालय ने सज्जन कुमार को रिहा कर दिया था। वहीं, कांग्रेस पार्टी के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, रिटायर्ड नेवी अधिकारी कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल को उम्रकैद की सजा व बाकी दो दोषियों पूर्व एमएलए महेंद्र यादव, किशन खोखर को तीन वर्ष की सजा सुनाई थी। जबकि कांग्रेस पार्टी नेता सज्जन कुमार को रिहा कर दिया गया था।निचली न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध दोषियों ने दिल्ली न्यायालय में अपील की थी। वहीं, CBI ने कांग्रेस पार्टी नेता सज्जन कुमार को बरी करने के विरूद्ध अपील की थी।