जैन से जब इस संबंध में आधिकारिक प्रतिक्रिया प्राप्त करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने ई-मेल का जवाब नहीं दिया।
नई दिल्ली हवाला से भारी भरकम कालेधन को सफेद करने के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन और उनके परिवार के नियंत्रण वाली कंपनियों ने बड़े स्तर पर दिल्ली में 200 बीघा से अधिक जमीन खरीदी। खास बात यह है कि यह जमीन अवैध कालोनियों के पास खरीदी गयी ताकि जब दिल्ली सरकार इन कालोनियों को नियमित करे तो इस पर कई गुना मुनाफा कमाया जा सके।
जांच के घेरे में जैन
आयकर विभाग की जांच में खुलासा हुआ है कि जैन और उनके परिवार के नियंत्रण वाली प्रयास इन्फोसोल्युसंस प्राइवेट लिमिटेड, इन्डो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, जे जे आइडियल एस्टेट प्राइवेट, अकिंचन डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मंगलायतन प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2010-11 से 2013-14 के दौरान 200 बीघा से अधिक कृषि भूमि खरीदी। यह जमीन पश्चिमोत्तर दिल्ली में बार्डर के निकट अवैध कालोनियों के निकट औचंदी, निजामपुर, बूढनपुर माजरा और कराला गांवों के निकट खरीदी गयी।
सूत्रों का कहना है कि जिस दौरान इन कंपनियों ने यह जमीन खरीदी, उस समय जैन इन कंपनियों में निदेशक या मुख्य प्रबंधन व्यक्ति की हैसियत से थे। इसकी पुष्टि इस तथ्य से भी होती है कि इन कंपनियों के नाम खरीदी गयी जमीन के कई दस्तावेजों में खरीददार की ओर से खुद जैन की फोटो लगी है और इन कागजों पर उनके भी हैं।
जमीन की खरीदफरोख्त में शामिल सतेंद्र जैन
सूत्रों के मुताबिक जैन ने 30 मई 2013 को दिल्ली के औचंदी गांव में अकिंचन डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से 11 बीघा से अधिक कृषि भूमि अंग्रेज सिंह से खरीदी। इसके लिए कंपनी ने 1.28 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
उल्लेखनीय है कि अकिंचन डवलपर्स को वित्त वर्ष 2010-11 और 2011-12 में हवाला ऑपरेटरों की फर्जी कंपनियों से 2.84 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। इसके कुछ समय बाद ही यह जमीन खरीदी गयी। जिस समय यह जमीन खरीदी गयी उस समय जैन इसमें 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ मुख्य प्रबंधन व्यक्ति (की मैनेजमेंट परसन) थे। हालांकि 30 मई 2013 को इस जमीन सौदे के बाद 31 जुलाई 2013 को जैन ने इससे त्यागपत्र दे दिया। फिलहाल इस कंपनी पर जेजे आइडियल एस्टेट लिमिटेड और मंगलायतन प्रोजेक्ट के प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से जैन की पत्नी वह अन्य संबंधियों का नियंत्रण है।
सतेंद्र जैन से नहीं मिला जवाब
जैन से जब इस संबंध में आधिकारिक प्रतिक्रिया प्राप्त करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने ई-मेल का जवाब नहीं दिया। उनके मोबाइल नंबर पर दो बार कॉल भी किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।सूत्रों के मुताबिक जैन ने प्रयास इन्फो सोल्युसंस प्राइवेट की ओर से भी 21 मई 2011 को दिल्ली के कराला गांव में 5 बीघा जमीन 55.20 लाख रुपये में खरीदी थी। इस कंपनी को वित्त वर्ष 2011-12 में हवाला ऑपरेटरों की फर्जी कंपनियों से 1.80 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। यह जमीन नारायण सिंह नामक व्यक्ति से खरीदी गयी और इसके रजिस्ट्री दस्तावेजों पर भी जैन की तस्वीर और हस्ताक्षर हैं।
कालेधन को सफेद करने की कोशिश
आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि जैन ने हवाला के माध्यम से कालेधन को सफेद करने के बाद यह जमीन खरीदी है। यह जमीन अवैध कालोनियों के पास इसलिए खरीदी गयी क्योंकि जब भी सरकार इन्हें नियमित घोषित करे तो इस पर दो से चार गुना मुनाफा कमाया जा सके।सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग ने जब इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड से पूछताछ की तो कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि बबलू पाठक ने 11 मार्च 2015 को आयकर विभाग को लिखित में सूचित किया कि भविष्य में सरकार दिल्ली में हाउसिंग को प्रोत्साहित करने को सीमावर्ती क्षेत्र में रिहायसी घोषित करेगी तो इस जमीन के दाम काफी बढ़ जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक पाठक के इस खुलासे से जैन के खिलाफ हितों के टकराव का मामला भी बनता है।