जीवनशैली

सपनों की उड़ान का सबब भी है शादी

indian-youth_new_20161123_16546_23_11_2016अंकिता अब हमें शादी कर लेनी चाहिए। हम दोनों एक अच्छी जॉब प्रोफाइल में हैं। लंबे वक्त से एक-दूसरे को पसंद भी करते हैं। अब तो हमारे घर वाले भी न सिर्फ हमारे रिश्ते से खुश हैं, बल्कि वह भी चाहते हैं कि हम जल्द ही अपने प्यार को मुकाम तक पहुंचाएं और शादी के बंधन में बंध जाएं। आयुष की बातें सुन अंकिता खुश तो बहुत होती हैं, लेकिन उसके चेहरे पर वह खुशी झलकती दिखाई नहीं देती।

अंकिता का गुमसुम-सा चेहरा देखकर आयुष पूछता है, क्या बात है अंकिता? इतने लंबे समय से हम जिस वक्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, अब वह आया है तो तुम खुश नहीं दिख रही हो। कोई परेशानी है तो मुझे बताओ? आयुष मैं भी आपकी तरह इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं, लेकिन सच कहूं तो फिलहाल मैं शादी के लिए तैयार नहीं हूं, क्योंकि अगले दो सालों में मैं खुद को सॉफ्टेवयर इंजीनियर से टीम लीडर की पोस्ट तक पहुंचाना चाहती हूं, मगर इसके लिए मुझे आपके साथ की जरूरत होगी। मुझे दो साल तो लग ही जाएंगे। दरअसल, शादी के बाद प्राथमिकताएं थोड़ी बदल जाती हैं।

इसलिए मैं चाहती हूं कि मुझे शादी से पहले कॅरियर के लिए थोड़ा वक्त मिल सके, लेकिन यह बात आपकी फैमिली वाले कैसे मानेंगे? बस इतनी सी बात अंकिता, अगर यही स्थिति मेरे साथ होती तो क्या तुम मुझे वक्त नहीं देती? घर वालों से मैं बात करूंगा। मुझे लगता है कि मम्मी-पापा भी हमारी बात समझेंगे, आखिरकार वह भी हमारा अच्छा कॅरियर और हमारी खुशी ही चाहते हैं। अंकिता और आयुष की तरह यह स्थितियां लगभग हर उस युवा की हैं, जो ताउम्र एक-दूजे के होने वाले हैं और साथी के अच्छे कॅरियर या उसके मनचाहे मुकाम के लिए न केवल वक्त दे रहे हैं, बल्कि पूरी मदद भी कर रहे हैं।

प्यार साथी के कॅरियर से भी

जब आप किसी से प्यार करते हैं तो उसकी हर छोटी-बड़ी ख्वाहिश, उनके सपनों से भी प्यार करते हैं। कुछ इसी सोच के साथ अपने लक्ष्य को पाया कंपनी सेक्रेटरी दिल्ली के शोभित टंडन ने। वह कहते हैं, मैं अपनी मंगेतर शिल्पा शर्मा को पिछले आठ साल से जानता हूं।

हमारी मुलाकात कंपनी सेक्रेटरी की पढ़ाई के दौरान इंदौर में कोंचिग में हुई थी, जहां हम दोनों ही परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। पढ़ाई के बीच पनपी दोस्ती हमारी शादी के फैसले तक पहुंच गई, लेकिन हम दोनों ही शादी से पहले कॅरियर में एक स्थायित्व चाहते थे।

बस इसीलिए सीएस बनने के बाद जब मेरे हाथ में अच्छी कंपनी का जॉब ऑफर था और शिल्पा की जॉब लग चुकी थी तो हमारे घरों से ही दबाव बनने लगा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए। शिल्पा अपने घर में सबसे बड़ी थीं, इसीलिए उनके अभिभावक भी चाहते थे कि वह जल्द शादी कर लें, मगर मैं किसी के अधीन काम नहीं करना चाहता था। मैंने अपने घरवालों को समझाया और शिल्पा से बात की। शिल्पा ने खुद अपने परिवार को मनाने के लिए मेरी मदद की। इसके बाद मैंने अपनी प्राइवेट फर्म की शुरुआत की और आज जब वह सफल है, तब हम दोनों आगामी दिसंबर में शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं।

साथ हैं तो फिर मुश्किल कैसी

प्यार और कॅरियर दोनों का जिंदगी में अलग-अलग महत्व है। एक सही कॅरियर आपको सफल बनाएगा और जीवन में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा तो वहीं बेहतर जीवनसाथी आपको एक खुशनुमा जिंदगी देता है। ऐसे ही साथी का साथ पाकर आगे बढ़ी कानपुर की काउंसलर वंदना श्रीवास्तव कहती हैं, मेरे पति शरद इंडियन एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन हैं। वह जितना अपने कॅरियर में सफल थे, उतना ही मेरे भविष्य को लेकर सजग थे। जब हम कोर्टशिप पीरियड में थे तो मैंने अपने कॅरियर और उससे जुड़ी अपेक्षाओं के बारे में उन्हें बताया था कि मैं अपने कॅरियर को अगले सालों में कहां देखती हूं या शादी से पहले मेरा लक्ष्य क्या है? मेरी इच्छा जानने के बाद उन्होंने बाकायदा मुझे न केवल वक्त दिया, बल्कि पूरा सहयोग भीकिया। इसका ही नतीजा है कि आज मैं अपने ‘वंदनाज वंडर वूमेंस इंस्टीट्यूट’ के तहत लड़कियों को उनका व्यक्तित्व निखारने में मदद करती हूं। मैं अपने संस्थान में कुकिंग, पर्सनैलिटी क्लासेज चला रही हूं। इसके अलावा, मैंने अपने काउंसलर बनने के सपने को भी पूरा किया।

प्यार ने दिखाई कॅरियर में राह

एक सच्चा साथी न केवल आपकी जिंदगी को खुशियों से भर देता है, बल्कि आपको भविष्य में सही रास्ता भी दिखाता है। यह कहना है हैदराबाद में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स में कार्यरत इंजीनियर विकल्प भागड़ी का। विकल्प कहते हैं, मैं और मेरी पत्नी दोनों ही जयपुर से हैं। मुझे आज भी याद है, जब मैं बीएचयू से इंजीनयिरिंग की पढ़ाई करने के दौरान बनारस में था और मेरी पत्नी जयपुर में रहकर (एमएचआरएम) की पढ़ाई कर रही थीं। उन दिनों में मुझे संगीत का बहुत शौक था, हालांकि यह शौक अभी भी कम नहीं हुआ है, मगर उस वक्त मैं चाहता था कि संगीत को अपना प्रोफेशन बनाऊं, लेकिन मेरे पैरेंट्स मेरे इस फैसले से खुश नहीं थे। अपने मन के काम और पैरेंट्स की इच्छाओं के बीच सामंजस्य नहीं बिठा पा रहा था। उस दौरान मेरी पत्नी (जो उस वक्त मंगेतर थीं) ने मुझे इस दुविधा के बीच सही रास्ता दिखाया। उन्होंने मेरे संगीत के शौक और इंजीनयरिंग के क्षेत्र में संतुलन बनाने की बात कही। बाकायदा इसके लिए उन्होंने शादी से पहले वक्त भी दिया, जिससे मैं खुद को मानसिक रूप से तैयार कर सका। आज मैं बेहतर जॉब के साथ संगीत के शौक को भी जी रहा हूं।

बराबरी का सबब है यह

एक समय था जब अच्छी नौकरी पर केवल लड़कों का हक माना जाता था। अगर वह अपनी नौकरी में तरक्की के लिए शादी से कुछ मोहलत चाहते थे तो लड़की और उनके घर वालों को शादी के लिए इंतजार करना पड़ता था, लेकिन आज स्थिति बदल गई है। अब लड़कियां भी बेहतर जॉब पाने के लिए मैदान में डटी हुई हैं। उन्हें प्रमोशन पाने के लिए कुछ वक्त चाहिए होता है तो उनके साथी और परिवार दोनों ही पूरा सहयोग करते हैं। इसी सहयोग के साथ आगे बढ़ रहीं और दिल्ली में पली-बढ एलॉयंस एयर में एचआर असिस्टेंट शमा कुमार कहती हैं, मैंने जिसे पसंद किया है, मेरी फैमिली भी उससे खुश है। वह चाहते हैं कि हम जल्द शादी करें, लेकिन मैं शादी से पहले थोड़ा वक्त चाहती हूं। इसके लिए मैंने अपने मंगेतर और घर वालों को राजी भी कर लिया है, क्योंकि वह अगर किसी अच्छी पोजीशन पर हैं तो मैं भी खुद को उनके बराबर खड़ा कर सकूं।

सपने भी एक

अगर हम एक हो रहे हैं तो हमारे सपने भी तो एक होने चाहिए, कहती हैं दिल्ली की सॉफ्टेवयर इंजीनियर नेहा शर्मा । वह कहती हैं कि यूं तो अभी मेरा शादी का कोई इरादा नहीं हैं, क्योंकि पहले मैं अपने भविष्य पर फोकस करना चाहती हूं। अगले एक-दो साल मैं खुद को और आगे ले जाना चाहती हूं। हां, इस दौरान मेरे मम्मी-पापा को यह जरूर लगता है कि अब कॅरियर में एक अच्छी पोजिशन पर हूं और मुझे शादी कर लेनी चाहिए। इसके लिए मैंने उन्हें आश्वस्त किया है कि मैं शादी के लिए तैयार हूं, लेकिन साथी ऐसा हो, जो अपने साथ-साथ मेरे कॅरियर और उसके लक्ष्य को भी पूरी तवज्जो दे।

कॅरियर में नई उड़ान

रिद्धिमा पंडित, अभिनेत्री

प्यार एक खुशनुमा अहसास है और अपनों का साथ आपको मजबूत ही बनाता है। इसीलिए मेरा मानना है कि अगर हम अपने किसी लक्ष्य को पाना चाहते हैं तो उसके लिए परिवार और प्यार दोनों का साथ होना जरूरी है। यह हमें दोगुनी ताकत देता है। यह तो हमें तय करना होगा कि हम प्यार और कॅरियर दोनों में कैसे संतुलन स्थापित करते हैं। इसीलिए मेरी नजर में अपनों का साथ कॅरियर में नई उड़ान देता है।

साथ मिली सफलता

सरवर आहूजा, अभिनेता

मैं और पत्नी अदिति शर्मा दोनों ने एक साथ कॅरियर की शुरुआत की थी। दोनों ही कॅरियर में एक साथ आगे बढ़ रहे थे। अच्छे सीरियल और फिल्में कर रहे थे। पांच साल से ज्यादा वक्त गुजरने के बाद हमारे पैंरेंट्स हमारे रिश्ते को शादी में बदलना चाहते थे, लेकिन उस वक्त मैं कुछ नए सीरियल्स पर काम कर रहा था, जिनकी नॉनस्टॉप शूटिंग थी और अदिति भी अपने सीरियल में व्यस्त थीं। इसलिए हम दोनों ने मिलकर फैसला लिया कि हम कुछ वक्त बाद शादी करेंगे। हम दोनों को ही अपनी कड़ी मेहनत पर भरोसा था। हमें पता था कि हम एक मुकाम बनाएंगे। आठ साल मुंबई में साथ-साथ काम करने के बाद आखिरकार हमने 2014 में शादी की।

 

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