समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस शामिल है और उन्होंने उसे दो सीटें दी हैं।
नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को दोहराया कि सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस शामिल है और लोकसभा चुनाव के लिए उसे दो सीटें दी गई हैं। अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दो-तीन राजनीतिक दल ही उनके साथ आए हैं लेकिन इस गठबंधन में अन्य दलों के लिए गुंजाइश बची है। सपा नेता ने कहा कि गठबंधन करने में उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से बहुत पीछे है। अखिलेश ने कहा, ‘गठबंधन में दलों को जोड़ने में हम अभी बहुत पीछे हैं। भाजपा के साथ 40 करीब राजनीतिक दल हैं।
हमारे साथ दो-तीन दल है। अभी सपा-बसपा गठबंधन में बहुत गुंजाइश है। कांग्रेस सपा-बसपा गठबंधन में शामिल है और हमने उसे दो सीटें दी हैं।’ सपा-बसपा गठबंधन ने कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली सीटें छोड़ी हैं। लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा ने गठबंधन किया है। समझौते के अनुरूप दोनों ही पार्टियों ने लोकसभा की 80 सीटें के लिए 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। जबकि दो सीटें कांग्रेस और दो सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ दीं। बाद में सपा-बसपा गठबंधन में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) की एंट्री हुई। रालोद तीन सीटों मथुरा, बागपत और मुजफ्फरनगर पर चुनाव लड़ेगा। सपा ने अपने खाते की एक सीट रालोद की दी है।
अब सपा 37 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। अखिलेश यादव शुरू से कहते आ रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी उनके गठबंधन में शामिल है लेकिन कांग्रेस ने 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। कांग्रेस ने इन सीटों के लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश में खुद को हाशिए पर जाते देख कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का महासचिव नियुक्त किया। प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने से यूपी के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह है। कांग्रेस को लगता है कि वह इस बार यूपी के चुनावी मुकाबले को कई जगहों पर त्रिकोणीय एवं चुनौतीपूर्ण बना सकती है। 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के आगे विपक्षी दलों के समीकरण धरे के धरे रह गए और भाजपा को उसके सहयोगी दलों सहित 73 सीटों पर जीत मिली। सपा ने पांच और कांग्रेस ने 2 सीटें जीतीं। इस चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का खाता भी नहीं खुला।