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सपा में कलह से बीजेपी को फायदा

IUttar Pradesh's Chief Minister Akhilesh Yadav speaks,in a public rally,during an extreme hot day ,in Allahabad on April 23,2016. Mr. CM inauguarted various deevlopement projects of Approx. Rs 300 crore in Allahabad. He also inauguarated Samjwadi Abhinav school, Haritage calander and distributed Kanya Vidya Dhan, in Allahabad during his visit . (Photo by Ritesh Shukla/NurPhoto via Getty Images)

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अब चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में सभी पार्टियां अपनी-अपनी यात्राओं और सभा के जरिए विकास कार्यों को लोगों तक पहुंचाने से नहीं चूक रही हैं। लेकिन सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में मची कलह से पार्टी को चुनाव में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। और इसका सीधा-सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हो सकता है। एक न्यूज चैनल के त्वरित सर्वे के मुताबिक ज्यादातर लोगों ने कहा कि इस लड़ाई का फायदा बीजेपी को होगा। वहीं दिलचस्प बात ये है कि सीएम पद के लिए अखिलेश यादव लोगों की पहली पसंद बने हैं।

सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि एसपी के अंदरूनी झगड़े का फायदा किसे होगा? 39% लोगों ने कहा कि इससे बीजेपी को फायदा होगा। 29% लोगों ने इसका फायदा बीएसपी को मिलने की बात कही। वहीं, यूपी में कांग्रेस की हालत खराब दिख रही है और इस सवाल के जवाब में केवल 6% लोगों ने कहा कि इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा।सत्तारूढ़ सपा में मची कलह से पार्टी को चुनाव में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। और इसका सीधा-सीधा फायदा बीजेपी को हो सकता है।

ये सर्वे 26-28 अक्टूबर के बीच पांच विधानसभा सीटों पर किया गया जिसमें कुल 1500 लोगों से अलग-अगल तरह के कई सवाल पूछे गए। राज्य का अगला सीएम कौन होना चाहिए के सवाल पर अखिलेश यादव सबसे आगे रहे। 31% लोगों ने उनका नाम लिया और 27% लोगों ने मायावती के हक में कहा तो वहीं बीजेपी के योगी आदित्यनाथ को 24% लोगों ने सीएम के रूप में पसंद किया है। इससे साफ पता चलता है कि सपा में पारिवारिक झगड़े के बावजूद अखिलेश यादव को लोगों का समर्थन मिल रहा है और वो बतौर सीएम यूपी वालों की पहली पसंद हैं।
अखिलेश को अलग पार्टी बनाने की राय पर 55% लोगों ने कहा कि अखिलेश को अलग पार्टी नहीं बनानी चाहिए। तो वहीं 43% लोगों ने सपा में मची कलह की जड़ शिवपाल सिंह यादव को माना। 15% लोगों ने इसके लिए अमर सिंह को जिम्मेदार माना।

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