सबसे अमीर भारतीय व्यक्ति ने कहा-दुनिया का तीसरा सबसे धनी देश बन रहा है भारत
अंबानी ने याद दिलाया कि 1990 के दशक में जब रिलायंस तेल परिशोधन तथा पेट्रोरसायन परियोजनाएं बना रही थी, भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) करीब 350 अरब डॉलर था और देश बेहद गंभीर आर्थिक संकट से बाहर निकला ही था।
उन्होंने कहा, ‘बहुत कम लोगों ने सोचा होगा कि हमारे देश की संभावनाएं इतनी उज्ज्वल हैं। आज हमारी जीडीपी करीब तीन हजार अरब डॉलर की हो गयी है और हम विश्व के तीसरे सबसे अमीर देश बनने की राह पर हैं।’ अंबानी ने कहा कि मोबाइल कंप्यूटिंग वृहद स्तर पर डाटा की खपत के लिये उत्प्रेरक है और इसने युवा भारतीयों को व्यापक बदलाव वाली सोच के लिये उर्वर जमीन दी है।
उन्होंने कहा, ‘मैं पूरे यकीन के साथ कह सकता हूं कि अगले दो दशक में भारत विश्व की अगुवाई करेगा और वैश्विक आर्थिक वृद्धि के अगले दौर में योगदान देगा।’ सबसे अमीर भारतीय व्यक्ति ने कहा कि कोयला एवं वाष्प तथा विद्युत एवं तेल पर आधारित क्रमश: पहली व दूसरी औद्योगिक क्रांतियों में भारत हाशिये पर रहा। कंप्यूटर केंद्रित तीसरी क्रांति में भारत ने दौड़ में भाग लेना शुरू किया।
उन्होंने कहा, ‘चौथी औद्योगिक क्रांति अब हमारे ऊपर है। इसे ऐसी प्रौद्योगिकियों के कारण पहचाना जा रहा है जिसने भौतिक, डिजिटल और जीव वैज्ञानिक विश्व को दोफाड़ कर दिया है। मैं पूरे यकीन के साथ कह सकता हूं कि भारत के पास न सिर्फ चौथी क्रांति में भाग लेने का मौका है बल्कि देश इसकी अगुवाई कर सकता है।’