समझौता ब्लास्ट : असीमानंद की जमानत को चुनौती नहीं देगी एनआईए
नई दिल्ली: सरकार ने राज्यसभा को बताया कि एनआईए ने समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी असीमानंद की जमानत को चुनौती नहीं देने का फैसला किया है। इन विस्फोटों में 68 लोग मारे गए थे।
जवाब में यह कहा
गृह राज्यमंत्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी ने प्रमोद तिवारी के सवाल के लिखित जवाब में कहा, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का 1 मई 2015 का लिखित आदेश एनआईए को 5 मई 2015 को मिला। एनआईए ने अपने विधिक प्रभाग के साथ विमर्श कर इसका अध्ययन किया। चौधरी ने कहा कि एनआईए ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के 28 अगस्त 2014 के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर न करने का फैसला किया क्योंकि उनके मतानुसार आदेश को चुनौती देने के लिए कोई विधिक आधार नहीं था।
अन्य अभियुक्त नबा कुमार अभी भी जेल में
उन्होंने कहा, हालांकि अन्य अभियुक्त नबा कुमार सरकार अभी जेल में है, क्योंकि वह अजमेर विस्फोट मामले में भी अभियुक्त है, जिसमें उसे जमानत नहीं मिली है। इसके अतिरिक्त, उसने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित जमानत संबंधी शर्तों का पालन नहीं किया है और इसलिए वह समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में भी न्यायिक हिरासत में है।
गौरतलब है कि दिल्ली-लाहौर समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के नजदीक दो बम विस्फोट हुए थे, जिनमें 68 लोग मारे गए थे और 12 अनय घायल हुए थे।