सरकार ने पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क फिर बढ़ाया, लेकिन नहीं बढ़ेंगे खुदरा दाम
नई दिल्ली: सरकार ने दो सप्ताह से कुछ अधिक समय में ही दूसरी बार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 37 पैसे और डीजल पर दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है। इस वृद्धि से सरकारी खजाने में करीब 4,400 करोड़ रुपये पहुंचेंगे।
हालांकि, उत्पाद शुल्क बढ़ने का इनकी खुदरा कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने 1 जनवरी को दाम घटाते समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनके दाम में आई कमी का पूरा लाभ उपभोक्ता तक नहीं पहुंचाया है।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार बिना ब्रांड वाले सामान्य पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क की दर मौजूदा 7.36 रुपये से बढ़कर 7.73 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। इसी प्रकार इस वृद्धि के बाद बिना ब्रांड वाले डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर 5.83 रुपये से बढ़कर 7.83 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी।
उत्पाद शुल्क में की गई इस वृद्धि से सरकार को डीजल से 4,300 करोड़ रुपये और पेट्रोल से करीब 80 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
तीन सप्ताह से भी कम समय में सरकार ने दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों के गिरते दाम का फायदा उठाते हुए उपभोक्ता पर बोझ डाले बिना अपने संसाधन बढ़ाने की व्यवस्था की है।
सरकार ने इससे पहले 17 दिसंबर को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 30 पैसे और डीजल पर 1.17 रुपये प्रति लीटर वृद्धि की थी। इससे उसे 2,500 रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इससे पहले 7 नवंबर को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 1.60 रुपये और डीजल पर 30 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की थी। इस वृद्धि से सरकार को 3,200 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान है।