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सरकार वर्ष 2016 दलहन उत्पादन वर्ष के रूप में मनाएगी: राधामोहन

दस्तक टाइम्स/एजेंसी
2015_12image_13_58_172965500mohan-llनई दिल्लीः सरकार दलहन के उत्पादन के प्रति किसानों में जागरूकता पैदा करने तथा इसके उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि के लिए वर्ष 2016 को दलहन उत्पादन वर्ष के रूप में मनाएगी। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य विषय पर आयोजित परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि दलहन उत्पादन वर्ष के दौरान किसानों को न केवल उच्च पैदावार वाली दालों के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे बल्कि इसकी खेती से मिट्टी की उर्वरा शक्ति में वृद्धि की भी जानकारी दी जाएगी। सिंह ने कहा कि भारत दुनिया में दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है लेकिन यहां इसकी खपत भी सबसे अधिक है और यह इसका दुनिया में सबसे बड़ा आयातक देश भी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की आधी राशि दलहन और तिलहन उत्पादन के लिए आवंटित की गई है तथा इसमें 27 राज्यों के 622 जिलों को शामिल किया गया है जिन्हें इस योजना के तहत सहायता दी जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि पूर्वी राज्यों को धान की पैदावार के बाद दलहनों की खेती को बढ़ावा देने के लिए अलग से राशि दी जा रही है। इसके अलावा ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। सिंह ने कहा कि दालों की उपलब्धता को बनाए रखने के लिए सरकार ने डेढ़ लाख टन का बफर स्टॉक बनाने तथा इसके लिए बाजार मूल्य पर दलहनों की खरीद का निर्णय लिया गया है ताकि किसानों को अच्छा मूल्य मिले। उन्होंने कहा कि इस वर्ष एक करोड 24 लाख हैक्टेयर में दलहनी फसलों को लगाया गया है जबकि पिछले वर्ष इसकी खेती एक करोड़ 22 लाख हैक्टेयर में की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 31 लाख 80 हजार टन दालों का आयात किया गया था जबकि इस वर्ष 45 लाख 90 हजार टन दालों का आयात किया गया लेकिन इसके बावजूद इसकी कीमतें बढ़ी। उन्होंने कहा कि जमाखोरी के खिलाफ जब राज्यों ने कार्रवाई की तो एक लाख 30 हजार टन दालें जब्त की गई।

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