दिल्ली
सरकारी कर्मियों संग दिल्ली लोकायुक्त के दायरे में पुलिस
दिल्ली के लोकायुक्त के दायरे में सिर्फ मुख्यमंत्री या बाकी चुने गए जनप्रतिनिधि ही नहीं, सरकारी कर्मचारी भी आएंगे। न सिर्फ दिल्ली सरकार में तैनात सरकारी कर्मचारी बल्कि डीडीए, दिल्ली पुलिस और एमसीडी के अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ भी लोकायुक्त मुकदमा चला सकेगा।
लोकायुक्त को पावरफुल बनाने के लिए दिल्ली सरकार दिल्ली लोकायुक्त-उपलोकायुक्त अधिनियम, 1995 में संशोधन करने जा रही है। संशोधन किए जाने के बाद एक लोकायुक्त के साथ दो सदस्य भी नियुक्त होंगे।
सूत्रों के अनुसार, विधेयक में संशोधन का मसौदा तैयार है, जिस पर कैबिनेट में चर्चा भी हो चुकी है। संशोधन विधेयक विधानसभा के चालू सत्र में पेश किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बेशक दिल्ली जनलोकपाल बिल की बात कर रहे हैं लेकिन यह सीधे तौर पर जनलोकपाल बिल नहीं बल्कि टुकड़ों में लोकायुक्त संशोधन विधेयक, समयबद्ध सेवा में सजा प्रावधान और विजिलेंस के नए ढांचे का मिलाजुला रूप होगा।
सूत्रों के अनुसार, संशोधन विधेयक के हिसाब से लोकायुक्त को भ्रष्टाचार के मामलों में सरकारी कर्मचारी-अधिकारी या जनप्रतिनिधि के खिलाफ मुकदमा चलाने की पावर दी जा रही है। लोकायुक्त के पास अपनी विशेष गठित टीम से जांच कराने का अधिकार होगा।
लोकायुक्त को सजा देने की अधिकार भी होगा। अभी इन्हें सिफारिश भेजनी पड़ती है। सूत्र बताते हैं कि आप सरकार ने जनलोकपाल बिल पर पहले केंद्र से अनुमति न लेनी पड़े इसलिए टुकड़ों में बंटे जनलोकपाल प्रावधान की तैयारी की है।
हालांकि कानूनी जानकारों का कहना है कि लोकायुक्त संशोधन विधेयक में ऐसे प्रावधान हैं जो केंद्रीय जनलोकपाल प्रावधानों, सीआरपीसी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट से टकराएंगे, इसलिए केंद्र सरकार की अनुमति जरूरी होगी। बेशक विधानसभा में अति बहुमत की वजह से संशोधन बिल पास करके भेज दें लेकिन कानूनी रूप के लिए केंद्र की मंजूरी जरूरी होगी।