स्वास्थ्य

सर्दी में बार बार क्यों बीमार होते हैं बच्चे, इन आदतों पर गौर करें

छोटे बच्चे सर्दी की चपेट में जल्दी आते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक, छोटे बच्चे साल में तकरीबन 6 से 7 प्रकार के बैक्टीरिया की चपेट में आते हैं। ऐसा क्यों, यह साफ-साफ कहना मुश्किल है। लेकिन यह सच है कि सर्दी में नाक बहना, पेट गड़बड़ होना या कोल्ड की समस्या से आपकी चिंता तो बढ़ ही जाती है। आप थोड़ी-सी देखभाल करके आप अपने बच्चे को सर्दी में सेहतमंद रख सकती हैं।
चीनी कम करें
क्या आपको मालूम है कि चीनी खाने से हमारा इम्यून सिस्टम पांच घंटे के लिए दब जाता है। ऐसे में अगर आपका बच्चा पूरे दिन किसी न किसी चीज के माध्यम से चीनी खा रहा है, तो इसका प्रभाव उसके इम्यून पर भी होगा। इसलिए अपने बच्चे को दिन में कुछ ऐसा खाने के लिए भी दें, जिसमें चीनी न हो। प्रायः हर चीज में चीनी की मात्रा थोड़ी बहुत होती ही है। चाहे आपके बच्चे के नाश्ते में शामिल होने वाले सीरियल्स, ब्रांडेड जूस, दही आदि ही क्यों न हों? फास्ट फूड समेत पास्ता, सॉस आदि में भी चीनी होती है। ऐसे में जब बच्चे दिन भर इस तरह की चीजें खाते हैं, तो पूरे दिन उनकी इम्युनिटी दबी रहती है और इस वजह से खराब बैक्टीरिया और वायरस उन पर अटैक करते रहते हैं।
व्यायाम की आदत
व्यायाम अतिरिक्त वसा को ही नहीं जलाता है, बल्कि फेफड़ों को भी मजबूत बनाता है, दिमाग को तेज करने में मदद करता है और बच्चों की मसल्स को भी मजबूती देता है। हालांकि ठंड से बचाव की खातिर कुछ लोग बच्चे को बाहर नहीं खेलने देते। शारीरिक गतिविधियों के कम होने की वजह से भी वे तुरंत ठंड की चपेट में आ जाते हैं। अगर आप चाहती हैं कि वे स्वस्‍थ रहें, तो एक्सरसाइज आदि के लिए प्रेरित करें।
फल और सब्जियां
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का करीब 80 फीसदी आंत में स्थित है और आंत में स्थित गुड बैक्टीरिया आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाकर रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। ये गुड बैक्टीरिया हानिकारक बैक्टीरिया, एलर्जी आदि से बचाते हैं। ये खाने का पचाने में भी मदद करते हैं। इसलिए सर्दी में जल्दी पचने वाला आहार अपने बच्चे के भोजन में शामिल करें, साथ ही उनको विटामिन सी युक्‍त फल और सब्जियां उनके आहार में शामिल करें।
विटामिन डी के साथ नींद भी जरूरी
2009 में बाल चिकित्सा पर किए गए एक शोध के मुताबिक छोटे बच्चों के लिए सर्दी का महीना अधिक संवेदनशील होता है। ऐसे में विटामिन डी की कमी हो, तो वे तुरंत ही वायरल इंफेक्‍शन की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में बच्चे में विटामिन डी की कमी को पूरा करें। कुदरती तौर पर शरीर को विटामिन डी देने के लिए दिन में कुछ समय धूप में जरूर बिताएं। यह न सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाता है, बल्कि सर्दियों में होने वाले संक्रमण से लड़ने की ताकत भी देता है।
बच्चों को ज्यादा आराम की जरूरत होती है, ताकि उनका शरीर अगले दिन के लिए तैयार हो सके। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि जो बच्चे रात में आठ घंटे या उससे की ज्यादा हेल्दी नींद लेते हैं, उनके बीमार पड़ने की संभावना कम होती है। यहीं नहीं, अच्छी नींद का असर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर भी पड़ता है, जिससे बच्चे स्कूल में फोकस रहते हैं। नींद की कमी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी प्रभावित करती है।
अनाज को कम करें
ज्यादा मात्रा में अनाज देना भी बच्चों के पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। उनके पाचनतंत्र के लिए ज्यादा अनाज पचाना मुश्किल हो सकता है। जैसे गेहूं से बनी ज्यादातर चीजों के इस्तेमाल से बचें। इनकी अधिकता से तनाव, कब्ज और नींद संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके लिए इन्हें एक दम से रोकने की नहीं, बल्कि उचित मात्रा में लें। क्वीनो और चावल का विकल्प ठीक है। इस मौसम में खासकर बच्चों के पैरों पर तेल की मालिश फायदेमंद होती है। मालिश उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है।
बच्चे को समय की अहमियत समझाएं और उनमें समय पर करने की आदत विकसित करें। स्कूल का होमवर्क हो या अन्य कोई छोटे-छोटे काम, अगर निर्धारित समय पर उसे पूरा करने की आदत उनमें होगी, तो कई तनावों से वे दूर रहेंगे। तनाव से दूरी मतलब सेहतमंद जिंदगी।

 

 

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