नई दिल्ली : बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में गुरुवार को प्रदर्शन किया गया| बिहार में कई जगह आगजनी भी हुई| बिहार में बंद को सफल बनाने में “सवर्ण सेना” ने अहम भूमिका निभाई| मोदी सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए SC – ST एक्ट में संशोधन कर मूल स्वरूप में बहाल करने पर सवर्णों ने गुरुवार को भारत बंद बुलाया था| ये भारत बंद कई सवर्ण संगठनों द्वारा बुलाया गया था| सभी सवर्णों को केंद्र सरकार के इस फैसले से आपत्ति है| गुरुवार को देश के अलग-अलग राज्यों में सवर्णों के भारत बंद का असर दिखा|
आपको बता दें, कि सवर्ण हितों की रक्षा के लिए सवर्ण सेना’ का गठन बिहार के “जहानाबाद” के रहने वाले भागवत शर्मा ने किया है| वे इस संगठन के संयोजक और अध्यक्ष भी हैं| भागवत फिलहाल अरुणाचल प्रदेश के सेंट्रल यूनिवर्सिटी में रिसर्च स्कॉलर हैं| सवर्ण सेना गरीब सवर्णों के लिए आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग कर रही है| सवर्ण सेना एससी-एसटी एक्ट में सुधार चाहती है| सवर्ण सेना का कहना है, कि इस कानून के तहत बड़े पैमाने पर फर्जी मुकदमे होते हैं| सवर्णों के मुद्दों को उठाने के लिए 2017 में सवर्ण सेना बनाई गई| दावे के अनुसार दो साल बाद इस सेना में 50 हजार से अधिक सदस्य हैं| दो सालों में यह संगठन देश भर में फैल गया है| आपको बता दें, कि अपने मुद्दों का प्रचार-प्रसार संगठन सोशल मीडिया के माध्यम से करता है| भारत बंद में भी उसके सोशल मीडिया मुहिमों ने बड़ी भूमिका निभाई| भारत बंद का प्रचार भी सवर्ण सेना ने सोशल मीडिया पर किया| भागवत शर्मा ने मीडिया संस्थानों से बात करते हुए कहा है कि आज के युग में वॉट्सएप और फेसबुक के माध्यम से कम समय में अधिक लोगों तक पहुंचना संभव है| सवर्ण सेना 2019 से पहले सवर्णों के हक में कानून में बदलाव चाहती है| सवर्ण सेना का मानना है कि वर्तमान की बीजेपी सरकार ने सवर्णों के साथ न्याय नहीं किया है, उसे ठगा है|
सवर्ण सेना भारत बंद से पहले बिहार की नीतीश सरकार के खिलाफ भी अभियान चला चुकी है| सवर्ण सेना ने आउटसोर्सिंग वाली नौकरियों में आरक्षण का विरोध किया था|
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