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सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को कैबिनेट की मंजूरी

cabinetनई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं को मंजूरी दे दी। ये अनुशंसाएं केंद्रीय कर्मचारियों के लिए हैं, जिनसे केंद्र सरकार के 47 लाख कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा वेतनमान देने की मंजूरी दी है।
एक अधिकारी ने कहा कि ग्रेडेड इंक्रीज इन बेसिक सैलरी पर कैबिनेट ने चर्चा की है। उन्होंने ऐसा माना जा रहा है कि अधिकतर लोगों के लिए 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कुछ पदों पर 25 फीसदी की बढ़ोतरी पर चर्चा हुई है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैबिनेट सेक्रेटरी पी के सिन्हा की अध्यक्षता वाली कमेटी ने पे कमीशन (वेतन आयोग) की सिफारिशों पर अपनी रिपोर्ट दे दी है, जिसके आधार पर वित्त मंत्रालय ने कैबिनेट के लिए नोट तैयार किया। जनवरी में सरकार ने कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की अध्यक्षता में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर प्रक्रिया के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। वेतन आयोग ने वेतन-भत्तों तथा पेंशन में 23.55 फीसदी सैलरी की सिफारिश की थी। इससे सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का करीब 0.7 फीसदी का बोझ पड़ेगा।
ये थीं कमीशन की बड़ी सिफारिशें
केंद्र के इम्प्लॉइज की बेसिक पे 16% और अलाउंस 67% तक बढ़ाने की बात कही गई है। टोटल सैलरी 23.55% बढ़ाई जाए। पेंशन में एवरेज 24% की बढ़ोत्तरी हो। मिनिमम बेसिक पे 7 हजार से बढ़कर 18 हजार रुपए किया जाए। सैलरी में सालाना 3% इन्क्रीमेंट हो। केंद्र के सभी इम्प्लॉइज के लिए भी वन रैंक-वन पेंशन हो। इसके दायरे में 10 साल पहले रिटायर हुए इम्प्लॉइज भी होंगे। ग्रैच्युटी की लिमिट 10 से बढ़ाकर 20 लाख रुपए। जब भी डीए 50% बढ़ेगा, ग्रैच्युटी लिमिट 25% बढ़ेगी। सैलरी तय करने के लिए पे बैंड और ग्रेड पे का सिस्टम खत्म। 56 तरह के अलाउंस खत्म किए जाएं, सभी को एक जैसी पेंशन। पैरा मिलिट्री फोर्स के लिए भी शहीद का दर्जा। मिलिट्री सर्विस पे दोगुना होगा। यह सिर्फ आर्मी पर लागू होगा। बाकी पर नहीं।
छठा वेतन 2006 में लागू हुआ था
छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2006 से लागू हुआ था और उम्मीद है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू होंगी और कर्मचारियों को एरियर दिया जाएगा। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है। कहा जा रहा है कि नए वेतन ढांचे में सातवें वेतन आयोग ने छठे वेतन आयोग द्वारा शुरू की गई ‘पे ग्रेड’ व्यवस्था खत्म कर इसे वेतन के मैट्रिक्स (ढांचे) में शामिल कर दिया है और कर्मचारी का ओहदा अब ग्रेड पे की जगह नए ढांचे के वेतन से तय होगा।

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