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सामुद्रिक शास्‍त्र: आंखें बयां करती हैं इंसान के राज, जान‍िए क्‍या कहता है शास्‍त्र ?

गरुण पुराण में उल्‍लेखित सामुद्रिक शास्‍त्र जो कि शरीर के अध्‍ययन की एक व‍िधा है। इसमें हर अंग की बनावट के आधार पर व्‍यक्ति के व्‍यक्तित्‍व को परखने की कला बताई गई है। वैदिक काल से चली आ रही इस प्रथा में अन्‍य अंगों की ही तरह आंखों की बनावट और उनके रंग से संबंधित तमाम जानकारियां दी गई हैं। आइए जानते हैं क्‍या-क्‍या कहती हैं निगाहें…

ऐसी आंखों वाले होते हैं गुणों की खान

सामुद्रिक शास्‍त्र में आंखों की बनावट और उनकी रंगत को अलग-अलग श्रेणियों में रखा गया है। इसी में काले रंग की आंखों को अत्‍यंत शुभ माना गया है। कहा जाता है काली आंखों वाले लोग गुणों की खान होते हैं। यही नहीं हर जगह और हर र‍िश्‍ते में ये अपना शत-प्रतिशत देने की कोशिश करते हैं। यानी कि ऐसे लोगों पर आंखें बंद करके भरोसा कर सकते हैं। ये बेहद ईमानदार और जिम्‍मेदार होते हैं।

ऐसी आंखों वाले होते हैं अत्‍यंत समझदार

सामुद्रिक शास्‍त्र कहता है कि जिनकी आंखें गोल होती हैं वह अत्‍यंत ही समझदार प्रवृत्ति के होते हैं। ऐसे लोगों की खास बात यह होती है कि ये गंभीर से गंभीर परिस्थिति में भी सहज होते हैं। साथ ही हर परेशानी का हल निकाल ही लेते हैं। गोल आंखों वालों को कभी भी कोई धोखा नहीं दे सकता है। ये सारे फैसले खुद ही काफी सोच-व‍िचारकर करते हैं। वर्तमान ही नहीं भविष्‍य के बारे में सोचकर चलते हैं। ताकि आने वाले समय में किसी का सहारा न लेना पड़े।

बड़े दिलवाले हैं ऐसी आंखों वाले

सामुद्रिक शास्‍त्र कहता है जिन लोगों की आंखें बड़ी होती हैं उनका दिल भी बड़ा होता है। ये हर र‍िश्‍ते के प्रति वफादार होते हैं। किसी को भी इनकी मदद चाहिए हो तो कभी मना नहीं करते। इन्‍हें सभी की मदद करके सुकून मिलता है। कई बार तो यह बिना मांगे ही लोगों की मदद करने लगते हैं। लेकिन इनकी खास बात यह भी है कि इन्‍हें अच्‍छे और खराब में फर्क करने की गूढ़ समझ होती है। ऐसे लोगों पर आप बिना संदेह किये ही विश्‍वास कर सकते हैं।

इन आंखों की अलग ही है बात

सामुद्रिक शास्‍त्र में नीली और भूरी आंखों वालों को अलग ही श्रेणी में रखा गया है। इसके मुताबिक नीली आंखों वाले लोग काफी चालाक प्रवृत्ति की माने जाते हैं। कहा जाता है कि इन आंखों वाले केवल अपना हित देखते हैं। यद‍ि किसी की मदद करने से इनका नुकसान हो रहा होगा तो यह तुरंत ही पीछे हट जाते हैं। वहीं भूरी आंखों वाले के लिए कहा जाता है कि यह भी केवल अपने बारे में सोचते हैं। इसलिए ऐसी आंखों वाले पर अपनी बुद्धि-विवेक का प्रयोग करके ही भरोसा करना चाहिए।

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