सावधान! थप्पड़ की पिटाई आपके बच्चें को बना देती है कम बुद्धिमान…
बच्चे पोस्ट ट्रामा ट्रामैटिक स्ट्रेस डिस इर्डर के लक्षणों से पीडित हो सकते है। इससे वह बुद्धिमान होने की बजाय सहमे सहमे ज्याद रह सकते है। यह चौका देने वाला शोध न्यू हैम्पशायर यूनिवर्सिटी में किया गया।
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इस शोध में दो वर्ष से लेकर चार वर्ष और पांच से नौ वर्ष तक के 1500 बच्चों के दो समूह तैयार करके चार वर्ष तक उनका लगातार अध्ययन किया गया। शोध में पाया गया कि जिन बच्चों को घर में नियमित रुप से थप्पड खाने पडते है। उनमें एक खास किस्म की बैचेनी और डर समाने लगता है।
वह प्रत्येक काम व बात फर चौकने लगते है और सहम जाते है।
ऐसे में वह क्लास में अपने सहपाठियों से पिछडने लगते है।
शोध में पाया गया कि इस डिस आर्डर के करीबी लक्षण काफी ज्यादा पाये गये।
जहां ज्यादा मार पिटती थी वहां पर यह डिश आर्डर ज्यादा पाया गया।
शोध कर्ताओं का मानना है कि बच्चे थप्पड खाने से सुधरते व बुद्धिमान नहीं होते है बल्कि वह और पिछडने लगते है।
शोध में यह भी पाया गया कि कम उम्र के बच्चे ज्यादा इसकी चपेट में आते है। उनमें ईलाज में काफी दिक्कते आ सकती है। उनका मानना है बच्चों को समझा कर वह हल्का फुल्का डपट कर शैतानी दूर की जा सकती है।
क्या आप भी हैं जल्दी थकान से परेशान, तो अभी खाना शुरु करें ये चीजें… अगर बच्चा जरुरत से ज्यादा शैतानी करता है आम बच्चो से हटकर शैतानियां करता है तो विशेषज्ञ से परामर्श लिया जा सकता है।