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सावन का चौथा सोमवार कल, जानें इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के क्या हैं फायदे?

लखनऊ: सावन का महीना चल रहा है. सावन के सोमवार का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि सावन सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने व शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से भक्त की सारी मनोकामना पूरी हो जाती हैं. इसी क्रम में कल यानी 16 अगस्त को सावन मास चौथा व अंतिम सोमवार है. इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना महा फलदायी होता है. माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से आयु बढ़ती है. सभी प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है और भगवान शिव भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

कितनी बार करना चाहिए जाप ?

हिंदू धर्म ग्रंथों के मनीषियों के अनुसार, महामृत्युंजय मंत्र का जाप कम से कम सवा लाख बार करना चाहिए. फिर भी यदि यह दुष्कर लग रहा है तो आप इस मंत्र का 108 बार जाप कर सकते हैं.

आकाल मृत्यु से बचाता है : वैदिक शास्त्रों के अनुसार, यदि महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख बार जाप कर लिया जाय तो अकाल मृत्यु अर्थात समय से पहले होने वाली मौत का खतरा टल जाता है. धार्मिक मान्यता है कि कुंडली में अगर कम आयु, गंभीर बीमारी या दुर्घटना का योग बना है तो इससे ये सारे दोष टल जाते हैं.

अच्छे स्वास्थ्य के लिए : धार्मिक मान्यता है कि प्रतिदिन सुबह स्नान करने के बाद रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जप किया जाय तो इससे किसी भी प्रकार की बीमारी आपके आस-पास भी नहीं फटकेगी.

महामृत्युंजय मंत्र के जाप से आती है सकारात्मक ऊर्जा : महामृत्युंजय मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इससे व्यक्ति में किसी प्रकार का डिप्रेशन या तनाव नहीं होता है.

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