साहित्य महोत्सव का आगाज, राज्यपाल रामनाईक ने किया उद्घाटन
लखनऊ : भाषा संस्थान, थिंक इंडिया और राष्ट्रीय कला मंच द्वारा तीन दिवसीय आयोजित शब्दरंग सहित्य महोत्सव का आगाज सोमवार को लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया। इस साहित्य सामरोह का उद्घाटन प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने किया। इस साहित्य समारोह में लखनऊ के बहुत से कॉलेज ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया, जिसमें अर्याकुल ग्रुप ऑफ कॉलेज, बाबा साहेब भीम आंबेडकर विश्वविद्यालय, मोर्डेन गर्ल्स कॉलेज के पत्रकारिता के छात्र व छात्राएं इस समारोह का हिस्सा बनें। राज्यपाल रामनाईक ने कहा कि मुझे बड़ी प्रसन्नता है कि चार संस्थाओं ने एक साहित्य महोत्सव की रचना की है। यह बहुत अच्छा लगा। साहित्य और समाज का मेल बिल्कुल आत्मा और शरीर जैसा है। समाज अच्छा होता है तो साहित्य भी अच्छा होता है। साहित्य से समाज का बहुत बड़ा रिश्ता है। हिन्दी साहित्य की ओर देंखें तो हर काल में जो साहित्य गढ़ा गया है। वह दर्पण है। 1857 की क्रांति को अंग्रेज उसे विद्रोह कहते थे। वीर सावरकर ने उसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का नाम दिया है। फिर उसका मतलब बदल गया। शब्दों का बहुत बड़ा महत्व होता है।
रामनाईक ने कहा कि हिन्दी अपनी राष्ट्र भाषा है। हिन्दी सबकी बड़ी बहन है। उत्तर प्रदेश की शिक्षा के हालात के बारे में बताना चाहता हूँ। 26 विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह हो गए हैं। लड़कों से अधिक लड़कियां शिक्षा ले रही हैं। एक साल में लड़कियों का प्रतिशत बढ़ना बहुत बड़ी बात है। 66 प्रतिशत पदक भी लड़कियों को मिले हैं। प्रसिद्ध कहानी लेखिका अद्वैता काला ने कहा कि केरल की घटनाओं ने मुझे झकजोर दिया। केरल काफी शिक्षित राज्य है। वहां जो मार काट हो रही है, उसकी तुलना सीरिया से होनी चाहिए। कहा कि वहां पर 40 वर्षों से घटनाएं हो रही थी, उसके बारे में कुछ नहीं लिखा गया। निष्पक्षता होना जरूरी है। इस पर युवाओं का फोकस होना अनिवार्य।
समाज बदलने में सिनेमा का बड़ा योगदान : बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के पत्रकार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गोविन्द जी पाण्डेय ने छात्र और छात्राओं को सिनेमा की बारीकियों से अवगत कराया।