सिरसा में डेरा मुख्यालय में घुसी आर्मी, हरियाणा शांति बहाली की ओर
सिरसा : डेरा सच्चा सौदा के मुखिया राम रहीम को दोषी करार देने के बाद अब सेना डेरा मुख्यालय में प्रवेश कर गई है। सेना अन्दर से डेरा समर्थकों को बाहर निकाल रही है और वहां जमा हथियारों की धर-पकड़ कर रही हैं। कल साध्वी से रेप केस में 15 साल बाद दोषी करार दिए जाने के बाद बलात्कारी बाबा राम रहीम के गुंडों ने जमकर उत्पात मचाया। हरियाणा और पंजाब में हुई हिंसा में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 250 से ज्यादा लोग घायल हैं. मृतकों में 29 पंचकूला से और 2 सिरसा से हैं। इस बीच सिरसा में डेरा मुख्यालय में आर्मी घुस गई है। सरकार ने धारा 144 सही ढंग से लागू ना करा पाने पर डीसीपी को सस्पेंड कर दिया। हिंसा की आशंका में पंजाब-हरियाणा जाने वाली 445 ट्रेन कैंसिल हो गई हैं। इस बीच सेना ने शनिवार सुबह सिरसा में फ्लैग मार्च किया। इस बीच हिंसाग्रस्त इलाकों में धीरे-धीरे शांति लौटती दिख रही है।
चंडीगढ़ पुलिस ने बाबा के 6 निजी सुरक्षा बलों को गिरफ्तार किया है। इन गार्ड्स पर से हथियार, कैरोसिन तेल भी जब्त किया गया है। वहीं रोहतक में 10 अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। शुक्रवार को पंचकुला में सीबीआई कोर्ट ने बाबा राम रहीम को 15 साल पुराने रेप केस में दोषी माना। 28 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी। बवाल में 31 लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी व्यवस्था में खामी की बात मानी। मुख्यमंत्री ने कहा कि डेरा समर्थकों को उनके घर में बंद रखने की हमने भरपूर कोशिश की। ट्रेन, बसें और यातायात के सभी साधनों को रोका, लेकिन डेरा समर्थक पैदल पहुंच गए और अपनी पहचान भी छुपाए रहे. हमने उन्हें रोकने की भरपूर कोशिश की। केंद्र भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं। आज 11 बजे राजनाथ की गृह सचिव के साथ बैठक है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने भी चिंता जताई है। पीएम ने भी एनएसए और गृह सचिव से हालात की जानकारी ली। पंचकुला में अभी हालात काबू में हैं। सिरसा में भी सेना ने सुबह फ्लैग मार्च किया। रोहतक में भी देर रात सुरक्षाबलों ने फ्लैग मार्च किया। अब तक कुल 600 लोग हिरासत में लिए गए हैं। डेरा समर्थकों के 60 वाहनों को भी जब्त किया गया है। फैसले से भड़के बाबा के समर्थकों ने 100 से ज्यादा गाड़ियां फूंक डाली। हिंसा से हालात ऐसे बिगड़े कि मुर्दाघर में सिर्फ 4 शवों की जगह थी, जबकि वो 17 शवों से भर गया. इसके बाद एक अस्थायी मुर्दाघर की व्यवस्था की गई।