उत्तर प्रदेश
सिर्फ कबूतर उड़ाने से नहीं आ सकती शांति : दलाई लामा
वाराणसी: तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि अपनी पुरानी परम्पराओं को भूलने के कारण कल तक जो भारत सबका गुरु था, अब वह चेला (शिष्य) बन गया है। इसके साथ ही दलाई लामा ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के ‘शांति मॉडल’ पर भी तंज कसा। लामा ने कहा कि सिर्फ कबूतर उड़ाने से शांति नहीं आ सकती। यह आंतरिक मामला है। कबूतर उड़ाना दिखावा मात्र है। सारनाथ के केंद्रीय तिब्बती संस्थान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सैमीनार में आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा कि भारतीय ज्ञान की प्राचीन परम्परा ही आंतरिक शांति के अलावा नकारात्मक भावनाओं को दूर करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि नए और पुराने का संतुलित संयोजन करना सिर्फ भारत के बूते की ही बात है। धर्मगुरु ने कहा कि भारत को यह शक्ति उसकी हजारों साल पुरानी ज्ञान परम्परा से मिली है।