सीधे आपके खाते में आती रहेगी गैस सिलेंडर की सब्सिडी
मोदी सरकार रसोई गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम के तहत आपके अकाउंट में भेजती रहेगी. दरअसल, बीते कुछ दिनों से मीडिया में ऐसी खबरें चल रही थीं कि मोदी सरकार रसोई गैस पर से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्टम को हटाकर फिर से पुराने नियम वापस लाने की तैयारी में है.
मीडिया में दावा किया जा रहा था कि सरकार ग्रामीण इलाके के लोगों की परेशानियों को देखते हुए यह कदम उठाने जा रही थी. लेकिन अब पेट्रोलियम मिनिस्ट्री की ओर से इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया है. पेट्रोलियम मिनिस्ट्री की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि DBT को लेकर बीते कुछ दिनों से जो खबरें चल रही हैं वो निराधार और तथ्यों से परे हैं. सरकार का इस स्कीम को हटाने का कोई इरादा नहीं है.
साल 2014 में लागू हुआ था सिस्टम
बता दें कि केंद्र सरकार ने सब्सिडी पर दिए जाने वाले रसोई गैस सिलेंडर की सप्लाई में पारदर्शिता लाने के लिए साल 2014 में गैस सब्सिडी को सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर करने का नियम बनाया था. इस नियम के तहत वर्तमान में उपभोक्ताओं को रसोई गैस के लिए मोटी रकम चुकानी पड़ती है. हालांकि कुछ दिनों बाद उपभोक्ता के बैंक खाते में सब्सिडी के पैसे आते हैं.
साल के 12 सब्सिडी वाले सिलेंडर मिलते हैं
इस स्कीम की शुरुआत वैसे तो कांग्रेस सरकार में की गई लेकिन मोदी सरकार ने उज्ज्वला स्कीम के तहत सिलेंडर लेने वाले गरीब उपभोक्ताओं को सब्सिडी का फायदा पहुंचाने के लिए इसे मॉडिफाई किया. इसके लिए उपभोक्ताओं के बैंक अकाउंट, गैस एजेंसी और आधार कार्ड लिंक किए गए. बता दें कि प्रत्येक उपभोक्ता को साल के 12 सब्सिडी वाले सिलेंडर मिलते हैं .
अभी देश में 24 करोड़ से ज्यादा घरों में LPG गैस सिलेंडर का इस्तेमाल हो रहा है जबकि अगले 12 से 18 महीनों में यह आंकड़ा 36 करोड़ के पार होने की उम्मीद है. अगर दिल्ली के संदर्भ में बात करें तो वर्तमान में बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर की कीमत 809.50 रुपये है. जबकि सब्सिडी के बाद इस सिलेंडर की कीमत 500.90 रुपये है.