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सीरिया में ईस्टर्न घोउटा में विद्रोहियों की बमबारी से हुईं 194 मौतें
सीरिया में अब तक के सबसे बुरे हालात देखने को मिल रहे हैं। ईस्टर्न घोउटा में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में लगातार 3 दिनों से बमबारी हो रही है जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है। जितनी मौतें सीरिया में बीते 3 दिन में हुई हैं उतनी शायद ही पहले कभी हुई हों।
हालात किस कदर खराब हैं, इसका अंदाज़ा इस बात से आसानी से लगाया जा सकता है कि सिर्फ सोमवार को ही 127 लोगों की मौत हो गई। इनमें 39 बच्चे शामिल हैं। सोमवार का दिन ईस्टर्न घोउटा में बीते 4 सालों में सबसे खूनी सोमवार के रूप में दर्ज किया गया है।
एक नज़र अब तक हालातों पर:
- सिर्फ सोमवार को ही हुई बमबारी में 127 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 39 बच्चे शामिल थे।
- रविवार से लेकर अभी तक 3 दिनों में 194 लोगों की मौत हुई। इन 3 दिनों को सीरिया में छिड़ी जंग के सबसे खूनी दिनों के रूप में दर्ज किया गया है। 194 लोगों में 57 बच्चें भी शामिल हैं।
- रविवार से ही विद्रोहियों के कब्ज़े वाले इलाके में हवाई हमले, रॉकेट हमले और तोपों से बमबारी की जा रही है, जिसमें अभी तक जान-माल का बहुत नुकसान हो चुका है।
- दवाई, खाना और ज़रूरत की और चीज़ें मिलना मुश्किल हो गई हैं, जिससे हालात और भी खराब हो गए हैं।
- सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक ईस्टर्न घोउटा में हो रविवार से लेकर अभी 850 लोग घायल हो चुके हैं
- सोमवार को हवाई और तोप हमलों में 300 लोग घायल हो गए।
- जहां सिर्फ सोमवार को ही 127 लोगों की बमबारी में मौत हो गई, वहीं मंगलवार को मर्ज के इलाके में हुए हमलों में 24 लोग मारे गए।
- वहीं ताज़ा हवाई हमले में कम से कम 50 लोग मारे गए, जिनमें 13 बच्चे शामिल हैं।
- क्यों हुआ ईस्टर्न घोउटा में हमला ?
साल 2012 से ईस्टर्न घोउटा को विद्रोहियों ने अपने कब्ज़े में ले रखा है। करीब 4 लाख की आबादी वाले इस इलाके को सीरिया और ईरान ने विद्रोही इलाका घोषित किया हुआ है। यहां एक आतंकी संगठन का भी दबदबा है। बीते कई दिनों से इस इलाके में भारी बमबारी चल रही है जिसमें काफी नुकसान हुआ है। 19 फरवरी का दिन तो सीरिया के इतिहास में सबसे खूनी दिन के रूप में दर्ज किया गया है।