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सुकमा हमला: हमले के वक्त लंच कर रहे थे सीआरपीएफ जवान

छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए 25 सीआरपीएफ जवान हमले के वक्त दोपहर का खाना खा रहे थे। खाना खाते वक्त ही उनपर नक्सली हमलावरों की गोलियों की बौछार होने लगी। 
सुकमा हमला: हमले के वक्त लंच कर रहे थे सीआरपीएफ जवान
 

300 से ज्यादा घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने सुकमा के बुरकापाल-चिंतागुफा इलाके में सीआरपीएफ की पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला किया था। माओवादियों की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से सैनिकों की आवाजाही पर नजर रखे हुए थे। जब 36 सैनिकों का समूह दोपहर के खाने के लिए बैठा, नक्सलियों ने अचानक उनपर हमला कर दिया। 

नक्सली हमलावरों ने सैनिकों के कई हथियार और उनके बुलेटप्रूफ जैकेट भी लूट लिए। एक शीर्ष सीआरपीएफ अधिकारी ने कहा कि शहीद सैनिकों ने दोपहर का भोजन कर लिया था। अगले कुछ मिनट तक वो अलर्ट की स्थिति में नहीं थे। इसके अलावा हमले के समय दोपहर 12:30 के आसपास कुछ अन्य सैनिक खाना खा रहे थे। 

हमले में 25 सैनिक शहीद हुए और 6 जख्मी हुए। हमले के वक्त अलर्ट मोड में न होने की वजह से सैनिकों को अपने हथियार इकट्ठा करने में समय लग गया। जबकि अन्य सैनिकों ने नक्सलियों पर जवाबी हमला किया। गार्ड ने इस हमले में आसपास मौजूद लगभग 40 स्थानीय लोगों और श्रमिकों को बचाया। अधिकारी ने बताया कि ये हमला करीब 1 घंटे चला।
 
कई सुरक्षा अधिकारियों से मीडिया की बातचीत में ये बात भी समने आई कि नक्सलियों ने हमले में कुछ अंडर बैरल ग्रेनेड लांचरों (यूबीजीएल) का इस्तेमाल किया। ये सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल में लाया जाने वाला एक स्मार्ट और परिष्कृत हथियार है। 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बाबत बताया कि हो सकता है नक्सलियों ने इन यूबीजीएल को सुरक्षा बलों से ही लूटा हो। इस बात की संभावना है कि 11 मार्च को सुकमा में हुए हमले में इन्हें लूटा गया हो। गौरतलब है कि 11 मार्च को नक्सलियों द्वारा हुए हमले में 12 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। 

 

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